24 November, 2024 (Sunday)

सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में बढ़ी कट्टरता, शादी से पहले शारीरिक संबंध और अबॉर्शन कराना अपराध, मिलेगी ये सजा

इंडोनेशिया की संसद इस महीने एक नया क्रिमिनल कोड पास कर सकती है। जिसके तहत शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाना दंडनीय अपराध माना जाएगा। जिसमें एक साल की जेल की सजा हो सकती है। इसके अलावा राष्ट्रपति या सरकारी संस्थानों का अपमान करने और इंडोनेशियाई सरकार की विचारधारा का विरोध करने पर भी प्रतिबंध लगाए जाएंगे। इंडोनेशिया के उप न्याय मंत्री एडवर्ड उमर शरीफ हेरिज ने रॉयटर्स को बताया कि नया कानून, जो दशकों से बना हुआ है, उसके 15 दिसंबर को पारित होने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा, “हमें एक क्रिमिनल कोड पर गर्व है, जो इंडोनेशियाई मूल्यों के अनुरूप है।” नए कानून का मसौदा तैयार करने में शामिल कानूनविद बंबांग वुरिएंटो ने कहा कि नया कोड अगले सप्ताह की शुरुआत में पारित किया जा सकता है। अगर यह कानून पारित हो जाता है, तो यह इंडोनेशियाई सहित विदेशी नागरिकों पर समान रूप से लागू होगा। देश के व्यापारिक समूहों ने चिंता जताई है कि नए नियम पर्यटन और निवेश गंतव्य के रूप में इंडोनेशिया की छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

2019 में लाया गया था ड्राफ्ट

देश के कुछ इस्लामिक समूह इस कानून के मसौदे का समर्थन कर रहे हैं, जिससे रूढ़िवादिता बढ़ रही है। हालांकि, विरोधियों का तर्क है कि सत्तावादी नेता सुहार्तो के पतन के बाद 1998 में हुए उदार सुधार बेकार हो जाएंगे। 2019 में इस नियम को पारित करने के लिए एक मसौदा भी लाया गया था, लेकिन देश भर में इसका विरोध देखा गया। उस समय कानून के खिलाफ हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया था। लोगों ने इन नियमों को अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ बताया था।

दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश

आलोचकों का कहना है कि कानूनों में न्यूनतम बदलाव किए गए हैं। हालांकि, हाल के महीनों में सरकार ने बदलाव की सूचना देने के लिए देश भर में सार्वजनिक परामर्श आयोजित किए हैं। कुछ बदलावों की बात करें तो एक नियम के तहत 10 साल के अच्छे व्यवहार के बाद फांसी की सजा को उम्रकैद में बदला जा सकता है। बलात्कार पीड़ितों को छोड़कर किसी और का गर्भपात कराना और काला जादू करना भी अपराध है। इंडोनेशिया दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश है। यहां के नियम ऐसे हैं, जिनमें स्थानीय स्तर पर महिलाओं, धार्मिक अल्पसंख्यकों और एलजीबीटीक्यू के साथ भेदभाव किया गया है।

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