एम्स के प्राइवेट वार्ड में कमरा लेने पर लगेगा 5 फीसदी जीएसटी, 18 जुलाई से लागू
नई दिल्ली, : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज कराना और महंगा हो गया है। एम्स के वित्त प्रभाग ने देर रात जारी आदेश में कहा है कि अब प्राइवेट वॉर्ड के डीलक्स कमरों के लिए मरीजों को 5 फीसदी जीएसटी भी चुकाना होगा।
एम्स के वित्त प्रभाग ने गुरुवार को बताया कि इसे 18 जुलाई से लागू कर दिया गया है। एम्स प्रशासन के जारी आदेश के मुताबिक डीलक्स कमरे लेने वाले मरीजों को अब भर्ती होने के पहले 10 दिन का अग्रिम राशि जमा कराना होगा। इसमें 5 फीसदी जीएसटी और डायट चार्ज भी शामिल होगा। इस लिहाजा से किसी मरीज को प्राइवेट वार्ड में अपना इलाज करवाने से पहले 66 हजार रुपये जमा कराना होगा।
वित्त प्रभाग के मुताबिक प्राइवेट वॉर्ड के डीलक्स कमरों के लिए रोजाना मरीजों को 300 रुपये अतिरिक्त देना होगा। इस बढ़ोत्तरी के बाद एक डीलक्स कमरे का किराया 5 फीसदी जीएसटी जोड़ने के बाद बढ़कर 6300 रुपये हो गया है। इसके साथ ही अगर मरीज डीलक्स कमरे में वैकल्पिक तौर पर भोजन चाहता है, तो उसे 300 रुपये अतिरिक्त देने होंगे।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 47वीं बैठक में विभिन्न उत्पादों पर जीएसटी की दरों में बदलाव और टैक्स स्लैब में कटौती और बढ़ोतरी की है। इसके मुतबिक अब इंटेसिव केयर यूनिट (आईसीयू) को छोड़कर अस्पताल के प्रतिदिन 5 हजार रुपये से अधिक वाले कमरों पर 5 फीसदी जीएसटी लगेगा। अस्पताल के कमरों पर लगने वाला 5 फीसदी जीएसटी 18 जुलाई से लागू हो चुका है।