भौतिक जीवन में आर्थिक युग के चलते विलुप्त हो रही लोक कलाएं: रंगबहादुर
प्रयागराज : आज भौतिक जीवन में आर्थिक युग के चलते लोक कलाएं विलुप्त हो रही हैं। नए कलाकार लोक कलाओं से दूरी बनाए हुए हैं। लोक कलाओं के संरक्षण एवं मंचीय प्रदर्शन में सुधार लाने के लिए व्यापक स्तर पर प्रशिक्षण की आवश्यकता है।
भारत देश की लोक कलाएं क्षेत्रवार अपने आप में अलग पहचान रखती है
उक्त विचार मुख्य अतिथि समाजसेवी रंगबहादुर ने सोमवार को श्रमजीवी सेवा समिति दुमदुमा, सैदाबाद, प्रयागराज के तत्वावधान एवं संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से लोक कला उत्सव का पांच दिवसीय मंचीय प्रदर्शन के समापन अवसर पर व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत देश की लोक कलाएं क्षेत्रवार अपने आप में अलग पहचान रखती है, जिसमें सभ्यता और संस्कृति का दर्शन प्राप्त होता है, जो हमारे देश का एक प्रकृति प्रदत्त उपहार है। लोक कलाओं को जीवंत करने के लिए पुराने लोक कलाकारों को सामंजस्य बैठाकर एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी में हस्तान्तरित करने के लिए आगे आना होगा। हमारे देश की लोक कलाओं से प्रत्येक शुभ कार्य किया जाना अनेकता में एकता का परिचायक है।
भारतीय लोक कलाओं का एक मार्मिक चित्रण होता है
विशिष्ट अतिथि संजय कुमार यादव लोक कलाकार ने कहा कि भारत देश की लोक कलाएं मौसम, कृषि, शादी विवाह और त्योहारों के अनुसार प्रदर्शित होती आ रही है। हमारे प्रयागराज के क्षेत्र में आल्हा चनैनी के कलाकारों का दूर-दूर तक नामोंनिशान नहीं है। भारतीय लोक कलाओं का एक मार्मिक चित्रण होता है। जिससे समाज की कुरीतियों पर कुठाराघात किया जाता रहा है। भारतीय लोक कलाएं सरल, सुबोध ग्रामीण जनमानस की भाषा में प्रदर्शित होती आ रही है। जिसे आम जनमानस आसानी से समझ लेता था। आज लोक कलाओं में पश्चिमी सभ्यता का पुट आने से फूहड़पन आ गया है जो हमारी संस्कृति और सभ्यता पर सीधा प्रहार है।
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लोक कलाओं को जीवंत करने के लिए समय-समय पर प्रस्तुति होना चाहिए
अंत में संस्थान सचिव लालजी सिंह ने सभी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि लोक कलाओं को जीवंत करने के लिए समय-समय पर प्रस्तुति होना चाहिए। अब बिना देर किए लोक कलाओं के संरक्षण के लिए लोगों को आगे आना होगा। इसी कड़ी में कामता प्रसाद, शशिकला, राजबली, श्यामलाल, मुक्त सिंह, राजेश कुमार बिन्द, जय लाल प्रजापति, लाल बहादुर, इन्द्रा पटेल, दीनानाथ हंसमुख, हृदय लाल यादव ने अपनी प्रस्तुति से लोगों को अचम्भित कर दिया।