यूपी बोर्ड : नकल पर नकेल के कारण बलिया में बाहरियों का आना बंद, कम हुए बोर्ड के परीक्षार्थी
यूपी बोर्ड की परीक्षा की स्थिति सरकार के तेवर पर ही निर्भर होती है। एक समय वह भी था जब जिले में कई राज्यों के विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा देने के लिए पहुंचते थे। परीक्षा केंद्रों पर उनको पास कराने का ठेका लिया जाता था, लेकिन प्रदेश में भाजपा सरकार के आने के बाद परीक्षा की व्यवस्था में व्यापक सुधार हुआ। बाहरी विद्यार्थी जो केवल पास होने के लिए यूपी का रूख करते थे। उनका आना बंद हो गया। नकल पर भी नकेल कसा। नतीजा यह निकला कि हर साल लगभग 20 से 25 हजार विद्यार्थी कम होने लगे हैं। पांच सालों में लगभग एक लाख परीक्षार्थी कम हुए हैं।
इस वर्ष 10वीं में 76171 और 12वीं में 64754 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। पिछले सत्र में इंटरमीडिएट में 78810 और हाईस्कूल के 84414 परीक्षार्थी थे। उसके सापेक्ष इस सत्र में इंटरमीडिएट में 14056 और हाईस्कूल में 8243 परीक्षार्थी कम हो गए हैं। इस तरह कुल 22299 परीक्षार्थी पिछले साल की अपेक्षा कम हो गए हैं। अभिभावक रामेश्वर सिंह कहते हैं कि यूपी बोर्ड की परीक्षा का पैर्टन बदलने से परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को अब सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।
पहले यह स्थिति नहीं थी। पास हाेने वाले विद्यार्थियों के विषय में आम धारणा थी कि वह नकल करके पास हुआ है। अभिभावक महंथ यादव ने कहते हैं कि नकल पर प्रतिबंध लगने से असल मेधावी सामने आ रहे हैं। पहले की परीक्षा में नकल के चलते मेधावी भी स्पष्ट नहीं हो पा रहे थे। इस तरह अधिकांश अभिभावकों ने परीक्षा की व्यवस्था को सराहा। इस बार बोर्ड परीक्षा 24 मार्च से शुरू होकर 12 अप्रैल तक चलेगी।
वर्ष वार बोर्ड परीक्षार्थी
-2018 : 10वीं में 117891 और 12वीं में 92954 परीक्षार्थी थे।
-2019 : 10वीं में 85892 और 12वीं में 75542 परीक्षार्थी थे।
-2020 : 10वीं में 82206 और 12वीं में 77099 परीक्षार्थी थे।
-2021 : 10 में 84,414 और 12वीं में 78,810 परीक्षार्थी थे।
-2022 : 10 में 76171 और 12वीं में 64754 परीक्षार्थी हैं।