LIC की जीवन अक्षय VII और नई जीवन शांति पॉलिसी से अब मिलेगा ज्यादा पैसा, 1 फरवरी से नई दरें लागू
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने 1 फरवरी, 2022 से अपनी जीवन अक्षय VII (Jeevan Akshay VII) और नई जीवन शांति पॉलिसी (Jeevan Shanti policies) की वार्षिकी दरों में वृद्धि की है। एलआईसी द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, एलआईसी ऑफ इंडिया ने वार्षिकी दरों में संशोधन किया है। 1 फरवरी 2022 से एलआईसी की जीवन अक्षय VII (प्लान 857) और एलआईसी की नई जीवन शांति (प्लान 858) में बदलाव किया गया है। अब पॉलिसीधारकों को ज्यादा राशि मिलेगी।
संशोधित वार्षिकी दरों के साथ इन योजनाओं का संशोधित वर्जन 1 फरवरी 2022 से बिक्री के लिए उपलब्ध है। न्यू जीवन शांति के दोनों वार्षिकी विकल्पों के तहत वार्षिकी राशि की गणना एलआईसी की वेबसाइट के साथ-साथ विभिन्न एलआईसी ऐप्स के माध्यम से कैलकुलेटर के जरिये की जा सकती है।
कैसे लें पॉलिसी
LIC की वेबसाइट के अनुसार, योजनाएं ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से उपलब्ध हैं। इसे एलआईसी इंडिया की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन पॉलिसी खरीदा जा सकता है, वहीं ऑफलाइन प्लान खरीदने के लिए ग्राहक ब्रांच चैनल पर जा सकते हैं। एलआईसी का जीवन अक्षय VII (प्लान नंबर 857) अब एक नए डिस्ट्रीब्यूशन चैनल के माध्यम से उपलब्ध है, जिसे कॉमन पब्लिक सर्विस सेंटर कहा जाता है।
Jeevan Akshay III plan के तहत, अगर प्रस्तावक के पास विकलांग (दिव्यांगजन) आश्रित व्यक्ति है, तो योजना को दिव्यांगजन के लाभ के लिए नामांकित/माध्यमिक वार्षिकी के रूप में खरीदा जा सकता है, जो न्यूनतम खरीद मूल्य 50,000 रुपये के अधीन है।
LIC 8.65 अरब डॉलर मूल्यांकन के साथ दुनिया का 10वां सबसे मूल्यवान बीमा ब्रांड
देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी (भारतीय जीवन बीमा निगम लि.) 8.656 अरब डॉलर (करीब 64,772 करोड़ रुपये) के मूल्यांकन के साथ देश का सबसे मजबूत और बड़ा ब्रांड है। यह मूल्यांकन इसे दुनिया में तीसरा सबसे ‘मजबूत’ बीमा ब्रांड बनाता है। ब्रांड फाइनेंस के अनुसार 2021 में 8.655 अरब डॉलर मूल्यांकन के साथ एलआईसी देश में सबसे बड़ा और मजबूत ब्रांड है। इसका मूल्यांकन 2020 में 8.11 अरब डॉलर था। यानी इसमें 6.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। ब्रांड को लेकर परामर्श देने वाली लंदन की ब्रांड फाइनेंस के अनुसार एलआईसी का बाजार मूल्यांकन 2022 तक 43.40 लाख करोड़ रुपये यानी 59.21 अरब डॉलर तथा 2027 तक 59.9 लाख करोड़ रुपये (78.63 अरब डॉलर) होने का अनुमान है।