संसद हमले की आज 20वीं बरसी: पीएम मोदी, राष्ट्रपति समेत कई नेताओं ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि
आज से 20 साल पहले 13 दिसंबर 2001 को विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के संसद भवन पर आतंकियों द्वारा हमला किया गया था। इस हमले में संसद भवन के गार्ड, माली और दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे। वहीं, हमले की 20वीं बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने ट्वीट कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की है।
पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए 2001 में संसद हमले के दौरान अपनी जान गंवाने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि देश के लिए जवानों की सेवा और सर्वोच्च बलिदान हर नागरिक को प्रेरित करता है।
वहीं, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भी ट्वीट कर 2001 में आतंकवादी हमले के खिलाफ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के मंदिर की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि देश इस बलिदान के लिए हमेशा सुरक्षा कर्मियों का आभारी रहेगा।
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट करते हुए कहा कि भारतीय लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले में राष्ट्र के गौरव की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी बहादुर सुरक्षाबलों के साहस व शौर्य को कोटि-कोटि नमन करता हूं। आपका अद्वितीय पराक्रम व अमर बलिदान सदैव देशवासियों को राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शहीदों को याद करते हुए 2001 में संसद भवन पर हमले के दौरान अपने प्राणों की बलि देने वाले बहादुर सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि राष्ट्र उनके साहस और कर्तव्य के प्रति सर्वोच्च बलिदान के लिए आभारी रहेगा।
वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी शहीदों को याद करते हुए ट्वीट किया कि 13 दिसंबर 2001 को हमारे पराक्रमी जवानों ने आतंक का मुंहतोड़ जवाब देते हुए देश की संसद पर हुए कायरतापूर्ण हमले को विफल किया था। उनके साहस, शौर्य और समर्पण का यह देश सदैव ऋणी रहेगा। मातृभूमि की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों को नमन।
आखिर क्या हुआ था
आज से ठीक 20 साल पहले 13 दिसंबर 2001 को भारत में संसद भवन पर कुछ आतंकी संगठनों के आतंकवादियों ने हमला किया था। रोज की तरह इस दिन भी संसद का शीतकालीन सत्र जारी था। कुछ देर के लिए दोनों सदनों को स्थगित किया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और विपक्ष की नेता सोनिया गांधी संसद भवन से घर के लिए निकल गए थे। तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत अन्य लोग संसद में मौजूद थे। तभी एक सफेद एंबेसडर कार से 5 आतंकियों ने प्रवेश करते हुए गोलियों की बौछार शुरू कर दी।
हमले के पीछे शामिल थे यह आतंकी संगठन
इसी दौरान एक आतंकी ने संसद भवन के गेट पर ही खुद को बम से उड़ा लिया। इस हमले में 5 आतंकियों सेमत कुल 14 लोगों की मौत हुई थीं। सुरक्षाबलों ने सभी 5 आतंकियों को मार गिराया था। 20 साल पहले हुए हमले के पीछे मोहम्मद अफजल गुरु, शौकत हुसैन समेत लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए- मोहम्मद आतंकी संगठनों के आतंकवादी शामिल थे।
हमले की साजिश का मुख्य आरोपी
हमले के दो दिन बाद 15 दिसंबर 2001 को ही अफजल गुरु को दिल्ली पुलिस ने जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार कर लिया था। 2002 में दिल्ली हाईकोर्ट और 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने अफजल गुरु को फांसी की सजा सुनाई थी। 9 फरवरी 2013 को हमले की साजिश करने वाले मुख्य आरोपी अफजल गुरु को फांसी दी गई थी।