26 November, 2024 (Tuesday)

शिक्षक विधायक ध्रुव कुमार त्रिपाठी की अगुवाई में निकली रैली

( सिद्धार्थनगर )। कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स मंच के बैनर तले शिक्षक व कर्मचारियों ने मंगलवार को पुरानी पेंशन बहाली सहित 21 सूत्रीय मांग के समर्थन में शिक्षक विधायक ध्रुव कुमार त्रिपाठी की अगुवाई में बीएसए कार्यालय से बाइक रैली निकाल कर हुंकार भरी।
उक्त रैली रजिस्ट्री ऑफिस, जिला अस्पताल, एसपी ऑफिस, पुलिस लाइन, सनई चौराहा, मुख्य बाजार होते हुए कलेक्ट्रेट पर पहुँच समाप्त हुई। यहीं प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को संबोधित मांगपत्र एसडीएम सुदामा वर्मा को सौंपा। रैली को संबोधित करते हुए शिक्षक विधायक ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि पुरानी पेंशन बुढ़ापे का सहारा है। इसे सरकार को तुरंत बहाल कर देना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने वित्त विहीन शिक्षकों को नियमित करने, कैशलेस चिकित्सा बहाल करने समेत 21 सुत्री मांग को जोरदार ढंग से रखा। कहा कि सरकार विभिन्न हथकंडे अपना कर शिक्षकों व कर्मचारियों को परेशान कर रही है। संयोजक अनिल सिंह ने कहा कि लाखों कर्मचारियों ने अब पुरानी पेंशन बहाली समेत अनेक मुद्दे पर आर पार का संघर्ष करने का मन बना लिया है। मंत्री योगेंद्र पांडेय ने कहा कि कैशलेस चिकित्सा समेत समस्त मांगे जायज है जिन्हें सरकार को तुरंत मान लेना चाहिए। मंच के महासचिव ने कहा कि हठधर्मिता छोड़ सरकार को सभी मांगे सहानुभूति पूर्वक विचार कर मान लेना चाहिए। इस दौरान रामबिलास यादव, हृदयनारायण मिश्रा, सुजीत जायसवाल, इंद्रसेन सिंह, सुधाकर मिश्रा, रूपेश सिंह, राजेश श्रीवास्तव, अरुण प्रजापति, आशुतोष मिश्रा, कमलेश यादव, ओंकारनाथ, अभय श्रीवास्तव, अजय कुमार गुप्ता, दिलीप कुमार, रामसमुझ, सुधीर श्रीवास्तव, हरिशंकर सिंह, कृपाशंकर, लालजी, रामप्रसाद आदि मौजूद रहे।
यह है प्रमुख मांगे
पुरानी पेंशन, कैश लेस चिकित्सा, एसीपी, अन्तःजनपदीय एवं अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण, 600 दिवस उपार्जित अवकाश, वेतन विसंगति, समस्त भत्तों की दर बढ़ाने, शिक्षा मित्र, अनुदेशक, विशेष शिक्षक एवं कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों के शिक्षकों को स्थायी नियुक्ति देने, रसोइया, आंगनबाड़ी, आशा बहुओं के मानदेय में बृद्धि, परिवार नियोजन प्रोत्साहन भत्ता, नगर प्रतिकर भत्ता बहाल करने एवं महंगाई भत्ते का एरियर भुगतान करने,  सामूहिक बीमा की राशि बढ़ाने। कोरोना महामारी में व पंचायत निर्वाचन के दौरान मृत कर्मियों को अनुदान देने की मांग प्रमुख रही।
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