चर्चित फौजी हत्याकांड में पिता-पुत्रों समेत पांच को उम्रकैद, सुलतानपुर में 12 साल पहले हुई थी वारदात
जिले के चर्चित फौजी हत्याकांड में गुरुवार को अपर सत्र न्यायाधीश इंतखाब आलम ने पिता व तीन बेटों सहित पांच आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही सभी अभियुक्तों पर 1 लाख 8 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोंका है। जिसमें से 80 फीसद धनराशि मृतक के भाई को देने का आदेश दिया गया है। यह फैसला घटना के 12 साल बाद सुनाया गया।
अपर शासकीय अधिवक्ता फौजदारी रामअचल मिश्रा ने बताया कि सेना में कार्यरत अजय प्रताप सिंह छुट्टी पर घर आए थे। तीन अप्रैल 2009 को अपने गांव अमिलिया खुर्द के बाहर दुर्गामंदिर पर मेला देखने गए थे। वहीं पर रामनगर कोट निवासी सत्यनारायन सिंह, उनके बेटे महेंद्र सिंह, मुन्ना उर्फ जितेंद्र सिंह, अतेंद्र सिंह व कबरी निवासी महेश यादव और मुन्नीलाल ने उन्हें घेर लिया और कट्टे व रिवाल्वर से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। गोली लगने से फौजी जमीन पर गिर गए। लोग दौड़े तब तक हमलावर भाग गए।
अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। घटना की प्राथमिकी विजय प्रताप सिंह ने कोतवाली नगर में दर्ज कराई। पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल व आरोप पत्र न्यायालय भेजा। प्रकरण में वादी की ओर से नियुक्त निजी अधिवक्ता काशी प्रसाद शुक्ला ने छह गवाह अदालत में पेश किए। बचाव पक्ष की ओर से भी तीन गवाह परीक्षित कराए गए। पत्रावली पर उपलक्ष्य साक्ष्यों व वारदात की जघन्यता के मद्देनजर जज ने सभी अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया