25 November, 2024 (Monday)

दिल का दौरा पड़े तो क्या करना चाहिए? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

आज की भागदौड़ और तनाव से भरी जिंदगी में शुगर और बीपी की समस्या होना आम बात हो गई है। इन बीमारियों की वजह से दिल भी कमज़ोर होता है और हार्ट अटैक का ख़तरा बढ़ जाता है। पहले जहां हार्ट अटैक का रिस्क 60 साल के बाद रहता था, वहीं अब 30 साल की उम्र में ही हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट के मामले सामने आने लगे हैं। कार्डियक अरेस्ट आने पर कुछ नहीं किया जा सकता, लेकिन दिल का दौरा पड़ने पर मरीज़ को बचाया जा सकता है। दिल के दौरे के लक्षण देखते ही अलर्ट हो जाएं और इलाज करें। 15 मिनट में अगर व्यक्ति को सही इलाज मिल जाता है तो मरीज़ की जान बचाई जा सकती है।

लक्षणों को पहचानें

दिल का दौरा पड़ने वाले व्यक्ति के लक्षणों को पहचानें। सीने में जकड़न और बेचैनी, सांसों का तेज़ी से चलना, चक्कर के साथ पसीना आना, नब्ज़ कमज़ोर पड़ना और मितली आना दिल के दौरे के प्रमुख लक्षण हैं।

मुंबई के मसीना हॉस्पिटल हार्ट इंस्टीट्यूट में कंसल्टंट कार्डियोथोरेसिक सर्जन, डॉ. ज़ैनुलाबेदीन हामदुले का कहना है, “अक्सर लोग हार्ट अटैक के लक्षणों की पहचान करने या समय पर उचित चिकित्सा सहायता लेने में असमर्थ रहते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि कमर के स्तर से ऊपर किसी भी चेस्ट पेन को नज़रअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। एक ईसीजी डॉक्टर की हार्ट अटैक की पहचान करने और पुष्टि करने में मदद कर सकता है।

दिल का दौरा पड़ने पर क्या करें?

डॉ. हामदुले ने बताया कि हार्ट अटैक के बाद एक घंटे या 90 मिनट के बाद हृदय की मांसपेशियां मरने लगती हैं, क्योंकि इससे रक्त मिलना बंद हो जाता है और 6 घंटे के बाद हृदय के विभिन्न हिस्से गंभीर रूप से, अपरिवर्तनीय रूप से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं और अधिकांश समय रोगियों को दूसरा मौका नहीं मिलता। हार्ट अटैक के बाद के पहले घंटे को गोल्डन आवर भी कहा जाता है। इस अवधि में दिए गए उपचार से हार्ट अटैक सेहोने वाले नुकसान को दूर करने में मदद मिल सकती है। इसलिए हार्ट अटैक के पहले घंटे के अंदर कैथ लैब की सुविधा वाले सबसे पास के अस्पताल में पहुंचना महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, इससे डॉक्टरों को हार्ट अटैक की पुष्टि करने और रोगी को PAMI के लिए ले जाने के लिए स्कैन और परीक्षण करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट तब रक्त प्रवाह को बहाल करने के लिए प्राथमिक एंजियोप्लास्टी कर सकते हैं।”

घबराएं नहीं ऐसे करें मरीज़ की मदद

द्वारका, दिल्ली के वेंकटेश्वर अस्पताल में निदेशक और मुख्य कार्डियो थोरैसिक और संवहनी सर्जन (वयस्क और बाल चिकित्सा), डॉ. बिक्रम केशरी मोहंती का कहना है, ” दिल का दौरा पड़ने पर किसी भी व्यक्ति को तुरन्त First Aid देने से हम उसकी जान की रक्षा कर सकते हैं। ऐसे में सबसे अहम बात ये है कि बिल्कुल घबराएं नहीं और मरीज़ को आरामदायक अवस्था में बैठाएं, मरीज़ को घेरकर न खड़ें हों जिससे उसको सांस लेने में तकलीफ न हो, मरीज़ के कपड़ों को ढीला करें।

अगर आप घर में हैं, तो खिड़कियों को खोलें जिससे वेंटिलेशन हो सके। मरीज़ को जल्द से जल्द एस्प्रिन टैबलेट और नाइट्रोग्लिसरीन टैबलेट दें और साथ ही मरीज़ से भी पूछले की दिल के दर्द के लिए और कोई दवा अगर वो लेता हो तो वो भी साथ में दे सकते हैं। अगर एम्बुलेंस आने में बहुत देर है, तो इंतज़ार न करें और जल्द से जल्द अस्पताल की इमरजेंसी में ले जाएं।

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