22 November, 2024 (Friday)

माले के जिला पंचायत सदस्य पर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रशासन द्वारा दबाव बनाने की पार्टी ने निंदा की योगी सरकार लोकतंत्र का अपहरण कर रही है : माले

लखनऊ, 28 जून। भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने सीतापुर के हरगांव में पार्टी के जिला पंचायत सदस्य अर्जुन लाल पर जिला पंचायत अध्यक्ष के भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रशासन द्वारा दबाव बनाने के लिए आधी रात को फर्जी मुकदमा दर्ज करने की कड़ी निंदा की है।
आज यहां जारी बयान में माले राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि योगी सरकार पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में लोकतंत्र का खुल्लमखुल्ला अपहरण कर रही है। योगी की पुलिस भाजपा कार्यकर्ता की तरह वर्ताव कर रही है। पूरा प्रशासन लोकतंत्र को ताक पर रखकर साम-दंड-भेद के जरिये भाजपा प्रत्याशियों को जिताने में जुट गया है। इसके लिए विपक्षी जिला पंचायत सदस्यों को धमकाने, खरीदने, गायब करने और परिवार का उत्पीड़न करने से लेकर गिरफ्तार करने तक की मुस्तैदी दिखाई जा रही है।
माले नेता ने कहा कि अर्जुन लाल आगामी तीन जुलाई को होने वाले सीतापुर जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा को हराने की रणनीति के तहत निर्दलीय प्रत्याशी प्रीति सिंह रावत के प्रस्तावक हैं। पर्चा दाखिला और जांच हो चुकी है। भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में दबाव बनाने के लिए हरगांव पुलिस ने जमीन के वर्षों पुराने एक मामले में बीती आधी रात को मुकदमा दर्ज कर दिया। मुकदमे में उन्हें सीलिंग की जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप लगाया गया है। कामरेड अर्जुन लाल, उनके परिवार के सारे सदस्यों सहित गांव के 30 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
यही नहीं, न मांगने, न चाहने के बावजूद आज तड़के ही पुलिस की एक टीम सुरक्षा का बहाना बना कर अर्जुन लाल के घर पर आकर जम गई है। ऊपर से अर्जुन लाल को संदेश भेजवाया जा रहा है कि यदि भाजपा प्रत्याशी को वोट करने के लिए तैयार हों, तो मुकदमा हटा लिया जाएगा अन्यथा गिरफ्तारी और जेल भी हो सकती है।
माले नेता ने कहा कि यह बात पता चलने पर क्षेत्र की जनता कामरेड अर्जुन लाल के घर पर पहुंच गई और अपने निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य को खुद के सुरक्षा घेरे में ले लिया। दोपहर बाद तक यह स्थिति जारी थी।
राज्य सचिव ने कहा कि योगी सरकार और भाजपा धनबल व बाहुबल के जरिये पंचायत अध्यक्ष का पद हथियाना चाहती है। जिस पुलिस पर आम आदमी की सुरक्षा का जिम्मा है, उसे योगी ने असुरक्षा फैलाने का काम सौंप दिया है। लोकतंत्र का चीरहरण हो रहा है, लेकिन सुनवाई कहीं नहीं हो रही है। राज्य निर्वाचन आयोग इस गुंडागर्दी के आगे आंख मूदकर फेल है।
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