कोरोना महामारी से बचाव हेतु टीकाकरण है जरूरी-आयुक्त
श्रावस्ती। देवीपाटन मण्डल के आयुक्त एस0वी0एस0 रंगाराव ने विकास खण्ड गिलौला के अन्तर्गत प्राथमिक विद्यालय गोड़ारी में चल रहे कोविड-19 से बचाव हेतु टीकाकरण का जायजा लिया। तथा टीकाकरण टीम में शामिल चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल कर्मियों को पात्रता के आधार पर शत-प्रतिशत लोगों का टीकाकरण कराने के निर्देश दिये।
उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 के रोकथाम हेतु दिए गए आदेशों का कोविड-19 प्रोटोकाॅल के मुताबिक सभी सम्बंधित विभागीय अधिकारी अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करें, ताकि कोरोना के संक्रमित मरीज किसी भी दशा में बढ़ने न पावे, और जनपद को कोरोना बीमारी से मुक्ति मिल सके। आयुक्त ने जनपद वासियों से अपील करते हुए कहा कि जिनकी उम्र 18-44 वर्ष या उससे अधिक है तो वे अपना वैक्सीनेशन अवश्य करायें क्योंकि वैक्सीनेशन से ही इस रोग से सुरक्षा मिल सकती है। उन्होने कहा कि यह टीका पूर्ण रूप से सुरक्षित है, इसे लगवाने से कोई दुष्प्रभाव नही पड़ता है।
इस दौरान आयुक्त ने बाढ़ स्थिति के बारे में भी जानकारी ली तथा सम्भावित बाढ़ के मद्देनजर राहत एवं बचाव कार्य के लिए पुख्ता तैयारी रखने का निर्देश दिया। इस दौरान आयुक्त को जिलाधिकारी टी0के0 शिबु ने बताया है कि राप्ती नदी का जल स्तर घट गया है। राप्ती बैराज लक्ष्मनपुर में खतरे का निशान 127.70 सेंटीमीटर है। जबकि आज का जलस्तर अपरान्ह 02 बजे 127.60 सेंटीमीटर है। कुछ पानी का स्तर सुबह बढ़ा था लेकिन दोपहर बाद नदी का जलस्तर घट रहा है। फिर भी नदी के घटते-बढ़ते जल स्तर निगरानी रखी जा रही। सभी बाढ़ चैकी प्रभारियों एवं चैकी पर तैनात अधिकारियों/कर्मचारियों को डियूटी पर मुस्तैद रहने का पहले से ही निर्देश दिया गया है। इसके अलावा सभी नोडल अधिकारी एवं उपजिलाधिकारी भी अपने क्षेत्रों में दौरा कर निगरानी रखे जाने के निर्देश दिये गये है। उन्होने बताया कि जिले में 18 बाढ़ चैकियों की स्थापना की गई है, हर बाढ़ चैकी पर बरसात में होने वाली संक्रामक बीमारियों से बचाव हेतु स्वास्थ्य विभाग की टीम लागाई गयी है। इसके अलावा सम्भावित बाढ़ को देखते हुए पशुओं को चारे की कोई दिक्कत न होने पावे, इसके लिए भूसा के इंतेजाम की आवश्यक कार्यवाही तथा पशुओं को बरसात के दिनों में होने वाली बीमारियों के बचाव हेतु शत-प्रतिशत टीकाकरण कराने हेतु सम्बन्धित को निर्देशित किया गया है।
जिलाधिकारी ने आयुक्त को यह भी अवगत कराया कि पहले से ही कम्यूनिकेशन प्लान तैयार कर लिया गया है। तथा राहत एवं बचाव कार्य हेतु जिले में एन0डी0आर0एफ0 की 11 बटालियन टीम बनारस से जिले में आ चुकी है, टीम कमाण्डर प्रिय रंजन है। इस टीम में मोटरबोट-04, लाइफबाॅय रिंग-16, लाइफ जैकेट-24, टावर लाइट-01, कटिंग यंत्र-12, आपदा प्रबन्धन किट-01 एवं शेल्टर टेण्ट-01 है। ये कम्पनी वर्षा ऋतु तक यहीं रहेगी तथा सम्भावित आपदा आने पर मदद के लिए तत्पर रहेगी।
उन्होने यह भी बताया कि जनपद स्तर पर बाढ़ आपदा के प्रबन्धन एवं सूचनाओं के त्वरित सम्प्रेषण हेतु कलेक्ट्रेट स्थित कक्ष सं0 06 में बाढ़ कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है। उन्होने बताया कि ग्रामवासी बाढ़ सम्बन्धी किसी भी प्रकार की सहायता हेतु कन्ट्रोल रूम के दूरभाष नम्बर 9454417485 एवं 9454417486 पर सम्पर्क कर अपनी समस्या बता सकते है। यह कन्ट्रोल रूम 24ग7 अनवरत क्रियाशील है। जिले के सम्भावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के ऐसे गाँव जहां पर बाढ़ के आने की प्रबल सम्भावना रहती है, इन गांवों में निवास करने वाले 910 व्यक्तियों की सूची बनायी गई है, जो सम्भावित आपदा आने के दौरान पहले ही उनके नम्बर पर सन्देश भेज कर अलर्ट कर दिया जायेगा।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी ईशान प्रताप सिंह, ज्वाइन्ट मजिस्ट्रेट परीक्षित खटाना, उपजिलाधिकारी इकौना आर0पी0 चैधरी, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 ए0पी0 भार्गव, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 मुकेश मातेन हेलिया सहित लेखपाल, ऐनम, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं पैरा मेडिकल टीम मौजूद रहे।