वैशाख अमावस्या: घर पर रहकर करें ये कार्य, मिलेगा पवित्र नदी में स्नान करने का फल
हिन्दू धर्म में अमावस्या का बहुत अत्यधिक महत्व है। वहीं बात करें वैशाख अमावस्या की तो यह विशेष मानी गई है। वैशाख अमावस्या को धर्म-कर्म और पितरों के तर्पण के लिए बेहद शुभ माना जाता है। काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिये भी अमावस्या तिथि पर ज्योतिषीय उपाय किये जाते हैं। इस बार वैशाख की अमावस्या 11 मई, मंगलवार को है।
सूर्य और चन्द्रमा के एक साथ होने से अमावस्या की तिथि होती है। इसमें सूर्य और चन्द्रमा के बीच का अंतर शून्य हो जाता है। यह तिथि पितरों की तिथि मानी जाती है। इसमें चन्द्रमा की शक्ति जल में प्रविष्ट हो जाती है। इस तिथि को राहु और केतु की उपासना विशेष फलदायी होती है। इस दिन दान और उपवास का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं पूजा विधि और शुभ मुहूर्त…
शुभ मुहूर्त
तिथि आरंभ: 10 मई, रविवार रात 09 बजकर 55 मिनट से
तिथि समापन: 12 मई, मंगलवार दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक
पूजा विधि
– वैशाख अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए।
– नित्यकर्म से निवृत होकर पवित्र तीर्थ स्थलों पर स्नान करना चाहिए।
– इस दिन पवित्र सरोवरों (तालाब) में भी स्नान किया जाना चाहिए।
– गंगा यमुना नदी में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
– स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देकर बहते जल में तिल प्रवाहित करें।
– पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करें।
– अपने सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा भी अवश्य देनी चाहिए।
घर पर रहकर करें ये काम
अमावस्या पर सभी लोग घर से बाहर नहीं निकल पाते हैं। वहीं इस वर्ष भी कोरोना का साया है। ऐसे में अपने घर पर रहकर ही वैशाख अमावस्या का पूर्ण फल प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए आप नहाने के जल में नर्मदा, गंगा आदि किसी भी पवित्र नदी का जल मिला लें। इसी के साथ जल में थोड़े से तिल भी डाल लें। इस जल से स्नान करते हुए 7 पवित्र नदियों, गंगा, युमना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु और कावेरी को प्रणाम करें। इससे आपको पवित्र सरोवर में स्नान किए हुए के बराबर फल मिलेगा।