23 November, 2024 (Saturday)

जयशंकर ने कहा- चीन भारत के लिए चुनौतीपूर्ण पड़ोसी, पाक के साथ चाहते हैं पड़ोसी वाले सामान्य संबंध

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत के लिए चीन एक चुनौतीपूर्ण पड़ोसी है और वह उसके विकास की गाथा को सीख के तौर पर देखते हैं। विदेश मंत्री ने यह बात एक आर्थिक कार्यक्रम में कही है। जयशंकर ने कहा, हाल ही में भारत और पाकिस्तान के मिलिटरी ऑपरेशन के महानिदेशकों के बीच संघर्षविराम का उल्लंघन न करने का समझौता भी बहुत महत्वपूर्ण है। यह समझौता नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी रोकने के लिए हुआ है।

विदेश मंत्री ने कहा- हम पाकिस्तान के साथ पड़ोसी वाले सामान्य संबंध चाहते हैं

विदेश मंत्री ने कहा, हम पाकिस्तान के साथ पड़ोसी वाले सामान्य संबंध चाहते हैं। हर कोई इसका मतलब जानता है। अगर हम उस दिशा में बढ़ते हैं तो वह स्वागत योग्य होगा।

जयशंकर ने कहा- हम अफगानिस्तान में संप्रभु लोकतांत्रिक व्यवस्था चाहते हैं

तालिबान के साथ वार्ता में भारत की भूमिका पर जयशंकर ने कहा, हम अफगानिस्तान में संप्रभु लोकतांत्रिक व्यवस्था चाहते हैं। यह वहां रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के हित में होगी। हम अफगानिस्तान में शांति और पुनर्वास के पक्षधर हैं। इसके लिए हमें तालिबान से अपेक्षा है। फिलहाल हम वेट एंड वाच की स्थिति में रहेंगे।

जयशंकर ने कहा- चीन वैश्विक अर्थव्यवस्था में तेजी से आगे निकल रहा देश है

चीन के आर्थिक उत्थान पर पूछे गए सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, चीन वैश्विक अर्थव्यवस्था में तेजी से आगे निकल रहा देश है। इसको लेकर कोई इन्कार नहीं कर सकता है। इसके लिए 40 साल में किए गए उसके कार्यो के लिए प्रशंसा की जानी चाहिए।

जयशंकर ने कहा- पश्चिमी देशों की सोच के विपरीत जाकर चीन ने किया विकास 

जयशंकर ने कहा, चीन ने आगे बढ़ने के लिए कई रास्ते अपनाए। इसकी शुरुआत तब हुई थी जब अमेरिका के राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन थे। पश्चिमी देशों की सोच के विपरीत जाकर चीन ने अपना विकास किया। भविष्य में वैश्विक स्थितियां किस तरह की होंगी, इसके लिए अभी से कोई अंदाजा लगाना ठीक नहीं होगा।

जयशंकर ने कहा- भारत को प्रतिस्प‌र्द्धी आचरण और क्षमताएं बढ़ानी होंगी

जहां तक भारत की बात है, हमें अपना प्रतिस्प‌र्द्धी आचरण और क्षमताएं बढ़ानी होंगी। तभी हम विकास की दौड़ में आगे निकल पाएंगे। जयशंकर ने साफ किया कि इसे उनका राजनीतिक बयान न माना जाए, बल्कि यह सब वह स्थितियों का समग्र आकलन कर व्यक्तिगत विचार के रूप में बोल रहे हैं।

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