यूपी के शिक्षा निदेशक माध्यमिक अवमानना के दोषी करार, हाई कोर्ट ने देर तक कोर्ट रूम में बैठाए रखा
इलाहाबाद हाई कोर्ट में बुधवार को उत्तर प्रदेश का शिक्षा महकमा शर्मसार हो गया। कोर्ट ने गुमराह करने और आदेश का अनुपालन न करने पर शिक्षा निदेशक माध्यमिक विनय कुमार पांडेय को कड़ी फटकार लगाई और काफी देर तक कोर्ट रूम में बैठाए रखा। कोर्ट ने सजा पर सफाई का मौका दिया है।
हाई कोर्ट ने शिक्षा निदेशक माध्यमिक विनय कुमार पांडेय को अवमानना का दोषी करार दिया है और उनके खिलाफ आरोप निर्मित करते हुए कारण बताओ नोटिस दी है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई कर दंडित किया जाए। निदेशक पर 26 नवंबर, 2018 को जारी निर्देश की जानबूझकर अवहेलना करने व कोर्ट को गुमराह करने का आरोप है। कोर्ट ने निदेशक को जवाब के साथ नौ अप्रैल को कोर्ट में हाजिर होने का भी निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने मीरजापुर जिले के काशीनाथ व नौ अन्य अध्यापकों की अवमानना याचिका पर दिया है। कोर्ट ने याचियों को वेतन भुगतान करने का आदेश दिया था। इसके लिए कमेटी बनी। उसने रिपोर्ट दी कि सभी सेवानिवृत्त हो चुके हैं, एक की मौत भी हो चुकी है। बताया गया वित्त एवं लेखाधिकारी ने 2009 में 49,70,905 रुपये की गणना कर ली है। सरकार से बजट मांगा गया है।
कमेटी की रिपोर्ट में यह साफ नहीं था कि प्रत्येक को कितना धन देना है, किंतु वास्तविकता इससे भिन्न थी। कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की गई और आदेश का पालन नहीं किया गया। नाराज कोर्ट ने निदेशक को कोर्ट में बैठाये रखा और सजा पर सफाई का मौका दिया है।