महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में समय पर FIR दर्ज नहीं किया जाना चिंता की बात- संसदीय समिति
संसद की एक समिति ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में समय पर प्राथमिकी दर्ज नहीं किए जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में पीडि़तों एवं उनके परिवारों को न्याय मिलने में देरी होने या नहीं मिलने का यह एक प्रमुख कारण है।राज्यसभा में कांग्रेस सदस्य आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली गृह मामलों की स्थायी समिति की रिपोर्ट में यह सिफारिश की गई है कि पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की जा रही हैं या नहीं, इसका पता लगाने के लिए आपरेशन चलाया जाना चाहिए जैसा राजस्थान पुलिस ने चलाया है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘समिति का कहना है कि महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में पुलिस थानों में समय पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाती है और यह पीडि़तों एवं उनके परिवारों को न्याय मिलने में देरी होने या नहीं मिलने का यह एक प्रमुख कारण है।’समिति ने विभिन्न श्रेणियों की शिकायतों खासकर महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ अपराध को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था विकसित करने एवं उसे बढ़ावा देने की सिफारिश की। इसमें कहा गया है कि गृह मंत्रालय को सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को इस बारे में विस्तृत परामर्श जारी करना चाहिए।