पूर्व पीएम का गंभीर आरोप, इमरान खान ने 70 करोड़ में बेच दी ऊपरी सदन सीनेट की सीट
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और वरिष्ठ विपक्षी नेता शाहिद खाकन अब्बासी ने प्रधानमंत्री इमरान खान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि इमरान खान ने संसद के ऊपरी सदन सीनेट की एक सीट बेच दी। उन्होंने इस सीट के लिए बलूचिस्तान के एक बड़े कारोबारी से 70 करोड़ पाकिस्तानी रुपये लिए। मुख्य विपक्षी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अब्बासी ने कहा, ‘गत तीन मार्च को सीनेट के लिए हुए चुनाव में मुहम्मद अब्दुल कादिर निर्दलीय उम्मीदवार थे। वह सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) और दूसरी पार्टियों से वोट पाने में सफल रहे।
पीटीआइ सांसदों ने इमरान के निर्देश पर कादिर के लिए मतदान किया। इमरान को कादिर से 70 करोड़ मिले थे।’ उन्होंने कहा कि सीनेट सीट बेचने के लिए इमरान को जवाबदेह बनाया जाएगा। खुद इमरान की पार्टी पीटीआइ के कई सदस्य कह रहे हैं कि इस व्यक्ति ने सीनेटर बनने के लिए प्रधानमंत्री को पैसे दिए हैं। अब्बासी ने चुनाव आयोग से सीनेट सीट बेचने के मामले का संज्ञान लेने की अपील की है।
सीनेट के चुनाव में मंत्री की हार पर इमरान को हासिल करना पड़ा विश्वास मत
ज्ञात हो कि पूर्व पीएम युसूफ रजा गिलानी को सीनेट के चेयरमैन पद के लिए 11 विपक्षी दलों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के उम्मीदवार बनाया था। गिलानी ने ही सीनेट सदस्य के चुनाव में इमरान के विश्वस्त वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख को हराकर सरकार को चारों खाने चित्त कर दिया था। सरकार की साख बचाने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान को फिर से विश्वास मत हासिल करना पड़ा।
दो मंत्रियों को चार घंटे तक किया कंटेनर में बंद
पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) की उपाध्यक्ष और पूर्व पीएम नवाज शरीफ की बेटी मरयम नवाज ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने विश्वास मत हासिल करने के लिए खुफिया विभाग की मदद से अपने दो मंत्रियों को चार घंटे तक कंटेनर में बंद करा दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि अपने सांसदों को घेरने के लिए इमरान खान ने पूरी सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया। मरयम ने कहा कि सत्तारूढ़ दल के सांसद उनके दल के संपर्क में हैं। विश्वास मत हासिल करने के दौरान सरकारी एजेंसियों ने प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए उन्हीं के सांसदों को गायब करने का काम किया। पीएमएल-एन की नेता ने कहा कि इमरान खान के विश्वास मत प्राप्त करने को किसी भी रूप में वैध, संवैधानिक, राजनीतिक और नैतिक रूप से सही नहीं कहा जा सकता।