हाईस्कूलों में अब नहीं चलेगी जो आभारी वहीं प्रभारी की प्रथा, जानिए क्या है नया निर्देश
झारखंड में अवस्थित सभी सरकारी उच्च विद्यालयों में कौन प्रभारी प्रधानाध्यापक या प्रधानाध्यापक होगा, इस संबंध में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने अधिसूचना जारी की है।
सचिव के स्तर से जारी इस अधिसूचना में प्रधानाध्यापक की विसंगतियों को दूर करते हुए नियम सम्मत प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति का आदेश दिया गया है। इसके लिए नियम को भी पत्र में बताया गया है। हर हाल में वरीय शिक्षक को ही प्रधानाध्यापक बनाने की बात कही गई है। पहले हाईस्कूलों में शिक्षा पदाधिकारियों के जो आभारी होते थे वहीं प्रभारी बन जाते थे। मिडिल स्कूल जो उत्क्रमित उच्च विद्यालय हो गए उनमें भी यह विसंगति थी। यहां तो जूनियर ही प्रभारी बन जाते थे। अब इस विसंगति को दूर करने को कहा गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी नियमों की अनदेखी कर मनमाने ढंग से प्रभारी प्रधान नियुक्त कर रहे थे। विभाग के नए निर्देश का स्वागत झारखंड प्लस टू शिक्षक संघ की ओर से भी किया गया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद ठाकुर ने नए निर्देश संबंधी पत्र से विभाग के पदाधिकारियों की मनमानी पर अंकुश लगेगा। संघ ने इसकी मांग पिछले दिनों ही सचिव से मिलकर की थी।
प्रभारी प्रधानाध्यापक को इन्हें दी जाएगी वरीयता
1. उत्क्रमित उच्च विद्यालय, जहां मिडिल स्कूल चलते हैं
- इस कोटि के विद्यालयों में सर्वप्रथम स्नातकोत्तर प्रशिक्षित (बीएड) माध्यमिक शिक्षक के वरीयतम।
- स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक के अभाव में स्नातक प्रशिक्षित (बीएड) के वरीयतम।
2.ऐसे उच्च विद्यालय जहां मिडिल स्कूल तो चलते हैं, लेकिन माध्यमिक शिक्षक पदस्थापित नहीं है
- वहां प्रारंभिक विद्यालय के कार्यरत शिक्षकों में स्नातोकोत्तर प्रशिक्षित (बीएड) के वरीयतम।
- स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक के अभाव में स्नातक प्रशिक्षित (बीएड) के वरीयतम।
- यदि स्नातक प्रशिक्षित योग्यताधारी शिक्षक भी अनुपलब्ध हो, तब प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित शिक्षकों में से वरीयतम शिक्षक।