01 November, 2024 (Friday)

जल की एक-एक बूंद का सदुपयोग कियेे जाने की दिलायी गयी शपथ। जिलाधिकारी ने वर्षा जल संचयन अभियान का किया शुभारम्भ।

श्रावस्ती।  जिलाधिकारी टी0के0 शिबु ने भारत सरकार एन0 वाई0 के0 (नेहरू युवा केंद्र) द्वारा संचालित राष्ट्रीय जल ’’मिशन कैच द रेन’’ अभियान का शपथ दिलाकर शुभारंभ किया।

वर्षा के जल संचयन स्तर को दृष्टिगत रखते हुए जनपद में वर्षा जल संचयन हेतु जिलाधिकारी ने जल संरक्षण के मूलमंत्र दिये तथा शपथ दिलाते हुए कहा कि  मैं पानी बचाने और उसके विवेकपूर्ण उपयोग की शपथ लेता हूँ। मैं यह भी शपथ लेता हूँ कि मैं जल का संचित उपयोग करूंगा, तथा पानी की हर एक बंूद का संचयन करूंगा और ’कैच द रेन’ अभियान को बढ़ावा देने में पूरा सहयोग दूंगा। मै पानी को एक अनमोल सम्पदा मानूंगा और ऐसा मानते हुए ही इसका उपयोग करूंगा। मै शपथ लेता हूँ कि मै अपने परिवारजनों, मित्रों और पड़ोसियों को भी इसके विवेकपूर्ण उपयोग और उसे व्यर्थ नही करने के लिए प्रेरित करूंगा। यह ग्रह हमारा है और हम इसे बचा सकते है और अपना भविष्य सुरक्षित कर सकते है। वर्षा जल के संचयन के लिये घर से लेकर ग्राम पंचायत तक सार्थक प्रयास करूंगा, जल ही जीवन है, जल है तो कल है। उन्होंने इस मूलमंत्र के साथ जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक किया। जल स्रोतों को साफ रखने एवं सदुपयोग करने के साथ-साथ जल संचयन के लिये ग्रामवासियों को प्रोत्साहित करने पर बल दिया।

उन्होने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था कराया जाने कि कार्यवाही की जाये और लोगों को भू-गर्भ जल दोहन के सापेक्ष बारिश जल संरक्षण और संग्रहण के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए। उन्होंने चिता जाहिर की कि अब पहले की अपेक्षा गांवों में कुओं और सार्वजनिक हैंडपंपों के स्थान पर सभी घरों में हैंडपंप होने से पानी का अधिक दोहन हो रहा है। ग्राम निधि एव मनरेगा से गांवों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाए जाय, जल संरक्षण के लिहाज से इसे और गति दिया जाना आवश्यक है। हम सब को जल संचयन के प्रति जागरूक होना होगा। पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए अधिक से अधिक पौधरोपण आवश्यक है।

उन्होने कहा कि हम सब को अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए और प्राकृतिक सौंदर्य तथा स्वास्थ्य का उपहार इन वृक्षों से प्राप्त करना चाहिए। सभागार में उपस्थित लोगों को जल संचयन के बारे में जागरूक करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि पानी की कमी को पूरा करने और जल को बहने से बचाने के लिये  प्राकृतिक संसाधनों और कृत्रिम डिजाइन संसाधनों के माध्यम से बारिश के पानी को इकट्ठा और संग्रहित करना वर्षा जल संचयन है।

जिलाधिकारी ने कहा कि जलसंरक्षण आज की महती आवश्यकता है यदि हमलोग अभी अब से नही चेते तो धीरे-धीरे पानी का सतह नीचे गिरने के साथ ही पेड़, पौधों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पडेगा। जल संरक्षण से लोगों को असानी से पेयजल एवं सिंचाई सुविधाएं मुहैया होगी तथा भूगर्भ के जलस्तर को रोकने में मदद मिलेगी। इसलिए लोगों को संकल्पबद्ध होकर इस वर्षा ऋतु में ही शत-प्रतिशत जल संरक्षण करना नितान्त आवश्यक है। जल संरक्षण से ही जीवन को खुशहाल बनाया जा सकता है। उन्होने जनपदवासियों से अपील किया है कि प्रत्येक व्यक्ति 03 पेड़ अवश्य लगायें जिससे पर्यावरण का संतुलन बना रहे। किसान भाई अपने खेत के मेड़ पर जरूर पेड लगाये, अधिक से अधिक सहजन का पेड़ लगायें इस पेड के लगाने से अनेक फायदें होते है।

जिलाधिकारी ने जिले में जल की एक-एक बूंद के संचयन हेतु उपायुक्त श्रम एवं रोजगार उपेन्द्र कुमार पाठक, सहायक अभियंता लघु सिंचाई को निर्देश दिया है कि नेहरू युुवा केन्द्र से समन्वय बनाकर कारगर कदम उठाये जायें। ताकि जल की एक-एक बूंद का संचयन हो सके। बैठक का संचालन नेहरू युवा केन्द्र की जिला समन्वयक कोमल ने किया।
बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 ए0पी0 भार्गव, परियोजना निदेशक बी0एम0 शुक्ला, जिला समाज कल्याण अधिकारी राकेश रमन, प्रधानाचार्या राजकीय बालिका इन्टर कालेज श्रावस्ती अकीला बानो, कौशल विकास मिशन के जिला प्रबन्धक अरविन्द चैरसिया सहित सलाहकार समिति के सदस्यगण एवं नेहरू युवा केन्द परिवार के सदस्यगण उपस्थित रहे।

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