जानें- आखिर किस बात को पूरा न कर पाने का उत्तर कोरिया के तानाशाह किम को रहा मलाल, मानी नाकामी
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन अपने कड़क स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। उन्हें नरम पड़ते हुए, माफी मांगते हुए या किसी के आगे झुकते हुए शायद ही देखा गया है। ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि जिस वक्त पूरी दुनिया कोरोना महामारी की जबरदस्त मार झेल रही थी उस वक्त किम जोंग उन ने कहा था कि उनके यहां पर इसका कोई मामला सामने नहीं आया है। लेकिन अब पहली बार किम ने अपनी नाकामी को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया है। दरअसल, तानाशाह किम जोंग उन ने वर्कर्स पार्टी कांग्रेस की शुरुआत में कहा कि वो विकास के लक्ष्यों को पाने में नाकाम रहे हैं। आपको बता दें कि उन्होंने पांच वर्ष में पहली बार पार्टी कांग्रेस का अधिवेशन बुलाया था। इसमें ही उन्होंने इस बात को स्वीकार किया है।
एजेंसी के मुताबिक प्योंगयांग में हुई आठवीं कांग्रेस में अपना भाषण पढ़ते हुए उन्होंने आने वाले समय में विकास के लक्ष्यों को पाने का संकल्प भी लिया है। गौरतलब है कि ये देश का सबसे बड़ा पॉलिटिकल इवेंट होता है। किम ने इस दौरान कहा कि उत्तर कोरिया पर लगे प्रतिबंधों की वजह से बीते पांच वर्षों में देश का विकास बाधित हुआ है और वो अपने लक्ष्यों को पाने में नाकाम हुए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि आने वाले समय में वो इसको दोहराना पसंद नहीं करेंगे। इसका अर्थ बेहद साफ था कि आने वाले समय में सभी लक्ष्यों की पूर्ति को सुनिश्चित करना होगा।
इस अधिवेशन में पार्टी के 250 सदस्यों के अलावा 4750 डेलीगेट्स और करीब 2000 कार्यकर्ताओं और पर्यवेक्षकों ने हिस्सा लिया था। इस दौरान उन्होंने ये भी माना कि विकास के लक्ष्यों को न पाने के लिए कुछ हद तक उनकी पार्टी की नीतियां भी जिम्मेदार रही हैं। इस बैठक में उन्होंने आने वाले पांच वर्षों के लिए भावी योजनाओं का खाका भी प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से उन्हें अपने देश की सीमाओं को पूरी तरह से बंद करना पड़ा है। इसकी वजह से वो इस महामारी को देश में फैलने से रोक सके, लेकिन साथ ही देश को कई गंभीर चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा। आपको बता दें कि पार्टी की तरफ से कांग्रेस की सभी अहम निर्णय लेती है।
किम ने कांग्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि बीते पांच वर्षों में काफी मुश्किलें आई हैं। लेकिन अब देश को खुद अपने पांव पर खड़ा करने की जिम्मेदारी है। किम ने कहा कि उन्होंने कुछ बातें सुझाई हैं जिससे हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में आगे बढ़ सकते हैं और दोबारा मजबूत देश बन सकते हैं। आपको बता दें कि किम के नेतृत्व में ये कांग्रेस दूसरी बार बुलाई गई है। किम जोंग उन ने 2011 में अपने पिता किम जोंग इल के निधन के बाद देश के प्रमुख का पदभार संभाला था। इससे पहले वर्ष 2016 में पार्टी कांग्रेस की ये बैठक बुलाई गई थी जो करीब तीन दशक बाद हुई थी।
उत्तर कोरिया में हुए इस अधिवेशन पर प्रतिक्रिया देते हुए दक्षिण कोरिया के मंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उत्तर कोरिया शांति और सहयोग करेगा जिससे दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली को मजबूती मिलेगी। आपको यहां पर ये भी बता दें कि अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन के बीच तीन बार शिखर वार्ता हुई थी, लेकिन इसमें हर बार नाकामी हासिल हुई और दोनों ही नेता किसी समझौते पर नहीं पहुंच सके। ।