देश में एक लाख की आबादी पर 195.39 पुलिसकर्मी, राज्यों में पांच लाख से ज्यादा पद खाली
विभिन्न राज्यों के पुलिस बल में लगभग 5.31 लाख कर्मियों के पद खाली हैं। वहीं केंद्रीय सशस्त्र बलों में 1.27 लाख पद खाली हैं। यह जानकारी पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआर एंड डी) ने मंगलवार को दी। बीपीआर एंड डी के अनुसार, विभिन्न पुलिस बलों में 2019 में 1,19,069 कर्मियों को भर्ती किया गया है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों में कुल 26,23,225 पद स्वीकृत हैं, जबकि सेवा में 20,91,488 पुलिस कर्मी हैं। लिहाजा विभिन्न राज्यों के पुलिस बल में एक जनवरी 2020 तक 5,31,737 पद खाली पड़े थे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की इकाई बीपीआर एंड डी ने बताया कि पुलिस बलों में महिलाओं की संख्या 2,15,504 है जो भारत में कुल पुलिस बल का 10.30 फीसद है। विगत वर्ष की तुलना में महिला पुलिस कर्मियों की संख्या में 16.05 फीसद का इजाफा हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक, केंद्रीय सशस्त्र बलों (सीएपीएफ) में कुल स्वीकृत पदों की संख्या 11,09,511 है, लेकिन एक जनवरी 2020 तक सीएपीएफ में कुल 9,82,391 कर्मी काम कर रहे थे, यानी 1,27,120 कर्मियों की कमी है।
वहीं, सीएपीएफ में महिला कर्मियों की संख्या 29,249 है जो कुल क्षमता का 2.98 फीसद है। सीएपीएफ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, (सीआइएसएफ) भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और असम राइफल्स शामिल हैं।
आंकड़ों के मुताबिक, देश में 800 पुलिस जिले हैं और स्वीकृत थानों की संख्या 16,955 है। कुल राज्य सशस्त्र पुलिस बटालियन 318 हैं। सरकार ने 2019-20 में व्यय और पुलिस प्रशिक्षण में 1,566.85 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। बीपीआर एंड डी ने बताया कि उसने पुलिस संगठनों से जुड़े एक जनवरी 2020 तक के आंकड़े जारी किए हैं। उसने कहा कि बीपीआर एंड डी 1986 से वाíषक आधार पर पुलिस संगठनों से जुड़े आंकड़े (डीओपीओ) प्रकाशित करता रहा है।
एक लाख की आबादी पर 195.39 पुलिसकर्मी
बीपीआर एंड डी के अनुसार, जनसंख्या के लिहाज से स्वीकृत पुलिस अनुपात (पीपीआर) प्रति एक लाख की आबादी पर 195.39 पुलिसकर्मी हैं। पुलिस क्षेत्र अनुपात (पीएआर) प्रति 100 वर्ग किलोमीटर पर 79.80 पुलिसकर्मी है। देश के 16,833 पुलिस थानों में से 143 थानों में वायरलेस की सुविधा नहीं है। जबकि, 257 थानों में गाडि़यां नहीं हैं।