PM Kisan की अबतक नहीं मिली किस्त तो फौरन कर लें ये काम
पीएम किसान सम्मान निधि की सातवीं किस्त के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर को 9,06,22,972 किसानों के खाते में 2000 रुपये की अगली किस्त भेजकर बड़ा तोहफा दे चुके हैं। मौजूदा समय में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के 11 करोड़ 45 लाख लाभार्थी हैं। यानी करी 2 करोड़ 40 लाख किसानों के खातों में यह रकम नहीं पहुंची है। अगर आपके खाते में किस्त नहीं आ रही है तो पहले उसकी वजह जान लें और फिर घर बैठे ही उसे दूर कर लें ताकि सातवीं किस्त आपके खाते में आसानी से पहुंच जाए।
पेमेंट फेल होने कस कारण
बता दें फंड ट्रांसफर ऑर्डर जनरेट होने के बावजूद भुगतान फेल होने की कई वजह हो सकती है। इसकी सबसे बड़ी वजह है आवेदन में लिखा गया नाम आधार से मैच नहीं कर रहा या बैंक अकाउंट से नाम नहीं मिल रहा। किसी ने आधार नंबर सही नहीं डाला है या बैंक का आईएफएससी कोड में गलती कर रखी है। आवेदनकर्ताओं के नाम, मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट नंबर में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है।
गलतियों का घर बैठे ऐसे दूर करें
अगर आवेदन के बाद भी आपके बैंक अकाउंट में पैसे नहीं आए हैं तो अपना रिकॉर्ड चेक कर लें कि कहीं उसमें गलती तो नहीं है। इसके लिए आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है बल्कि आप घर बैठे अपने मोबाइल से ही ठीक कर सकते हैं, अगर आपने पीएम किसान ऐप डाउन लोड किया है तो गलतियां सुधारना और भी आसान है। आइए जानें कैसे करें इन गलतियों को ठीक…
- PM-Kisan Scheme की ऑफिशियल वेबसाइट (https://pmkisan.gov.in/) पर जाएं। इसके फार्मर कॉर्नर के अंदर जाकर Edit Aadhaar Details ऑप्शन पर क्लिक करें।
- आप यहां पर अपना आधार नंबर दर्ज करें। इसके बाद एक कैप्चा कोड डालकर सबमिट करें।
- अगर आपका केवल नाम गलत होता है यानी कि अप्लीकेशन और आधार में जो आपका नाम है दोनों अलग-अलग है तो आप इसे ऑनलाइन ठीक कर सकते हैं।
- अगर कोई और गलती है तो इसे आप अपने लेखपाल और कृषि विभाग कार्यालय में संपर्क करें
अब केंद्र और राज्य सरकार फर्जीवाड़ा करने वाले किसानों से पैसे वसूलने की तैयारी कर रही है। बता दें कि महाराष्ट्र में इनकम टैक्स चुकाने वाले लाखों किसानों को पीएम किसान सम्मान योजना के तहत सालाना 6000 रुपये दे दिए गए। जबकि, इस योजना का लाभ केवल वही किसान उठा सकते हैं, जिनके पास अपनी जमीन है और वे इनकम टैक्स नहीं भरते हैं। इसका लाभ उन किसानों को भी नहीं मिलेगा, जिन्हें 10 हजार रुपये मासिक पेंसन या डिविडेंड मिलता है।