कानपुर में नर भक्षी बन गए थे दंपती, बच्ची का कलेजा खाने में आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल,
दीपावली की रात घाटमपुर क्षेत्र के गांव भदरस स्थित भद्रकाली मंदिर के समीप बच्ची की हत्या के बाद पेट फाड़ कर कलेजा खाने की घटना में पुलिस ने निसंतान दंपती समेत चारों आरोपितों को जल्द सजा दिलाने का प्रयास शुरू कर दिया है। घटना के बाद एकत्र सभी साक्ष्यों के साथ पुलिस ने अदालत में आरोपितों के खिलाफ चार्ज शीट दाखिल कर दी है। अब कोर्ट में जल्द ही मामले की सुनवाई शुरू होगी।
दंपती ने कच्चा खाया था कलेजा
घाटमपुर क्षेत्र के एक गांव में दीपावली की शाम लापता किशोरी की अगले दिन सुबह भद्रकाली देवी मंदिर के समीप क्षत-विक्षत शव मिला था। धारदार हथियार से बच्ची का पेट काटकर सभी आंतरिक अंग निकाले गए थे। पुलिस की तहकीकात में सामने आया था कि पैसों के लालच में गांव के अंकुल कुरील व बीरन ने बच्ची को मारकर पेट फाड़ा था और कलेजा (लीवर) निकालकर नि:संतान परशुराम व उसकी पत्नी सुनैना को दिया था। संतान की आस में नरभक्षी बने दंपती ने बच्ची का कलेजा कच्चा ही खाया था।
बच्ची का कालेजा लाने के लिए दिए थे 1500 रुपये
पुलिस के मुताबिक परशुराम ने ही अंकुल को 500 व बीरन को एक हजार रुपये कलेजा लाने के लिए दिया था। परशुराम ने पुलिस को बताया था कि बच्ची का कलेजा खाने से संतान प्राप्ति की बात रेलवे व बस स्टेशनों में बिकने वाली बंगाल का काला जादू या महाइंद्रजाल जैसी पुस्तकों में पढ़ी था। शादी के 21 वर्ष बाद भी नि:संतान रहने के चलते उसने अंकुल और बीरन से बच्ची का कलेजा लाने को कहा था। वह संतान के लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार हो गया था।
पुलिस ने अकुल व बीरन के बाद परशुराम व सुनैना काे गिरफ्तार किया था और जेल भेज दिया था। विवेचक प्रभारी निरीक्षक राजीव सिंह ने बताया कि विरलतम श्रेणी के अपराध में आरोपितों के खिलाफ मजबूत साक्ष्य संकलन कर आरोप पत्र न्यायालय मे दाखिल किया गया है। पुलिस मजबूत पैरवी कर आरोपितों को सख्त सजा दिलवाएगी।