परिजनों के साथ भोजन किया, फिर पिता की बंदूक से उड़ा लिया अपना भेजा Gorakhpur News
पिपराइच थाना क्षेत्र के ग्राम अतरौलिया निवासी 36 वर्षीय राजा यादव ने पिता के लाइसेंसी बंदूक से अपना भेजा उड़ा लिया है। वह गुलरिहा थाना क्षेत्र के बीएन इंटर कालेज परसौना के प्रिंसिपल थे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
राजा यादव का पुराना आवास भी परसौना में है। इधर कई वर्षों से परिवार अतरौलिया में मकान बनवाकर रह रहेे है। रात करीब 10 बजे परिवार के सभी सदस्यों ने नीचे हाल में एक साथ भोजन किया। इसके बाद राजा यादव द्वितीय तल स्थित अपने कमरे में सोने चले गए। करीब 10 मिनट बाद उनके कमरे से गोली चलने की आवाज सुनकर परिजन ऊपर की तरफ गए तो वहां उनका शव पड़ा था। गोली ठुड्डी के निचले हिस्से को बेधते हुए बाईं आंख की तरफ से निकल गई थी। चेहरे के बाई तरफ का हिस्सा भी छितरा गया था। इससे परिजन ने अनुमान लगाया कि राजा ने बंदूक को ठुड्डी से सटाकर गोली मारी है। उनसे थोड़ी ही दूरी पर 12 बोर की बंदूक पड़ी थी। परिजन के मुताबिक बंदूक उनके पिता की है। उसे आलमारी में बंद रखा गया था। लेकिन उसका ताला टूटा हुआ था। इससे पता चला कि राजा ने ताला तोड़कर बंदूक निकाली होगी। घटना से परिवार मातम में डूबा है। मृतक दो बच्चे हैं। पत्नी गर्भ से है।
माह भर से चल रही थी घबराहट व बेचैनी की दवा
मृतक के बड़े भाई राणा यादव उत्तर प्रदेश पुलिस में दारोगा हैं। उनकी तैनाती वायरलेस अनुभाग महराजगंज जिले में है। मृतक के चाचा वीरेंद्र यादव ने बताया कि करीब एक माह से राजा की घबराहट व बेचैनी की लखनऊ से दवा चल रही हैं। बीते दो दिसंबर को राजा अपने बड़े भाई के साथ इलाज कराकर लौटे थे। उन्होंने कहा कि चिकित्सक ने बताया था कि उन्हें अवसाद को लेकर दौरे पड़ सकते हैं और यह एक से दो मिनट का हो सकता है। इसमें अकेले रहने पर मरीज आत्मघाती कदम उठा सकते हैं। तीन दिनों से मृतक के साथ एक व्यक्ति हमेशा उनके साथ रहता था। मंगलवार की रात थोड़ा सा लोगों के पहुंचने में देरी क्या हुई, उन्होंने अपनी जान ही ले ली। प्रभारी थानाध्यक्ष जगजीत सिंह मलिक ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
नियमित योग करते थे राजा यादव
परिजन के मुताबिक राजा अत्यंत व्यवहारिक थे। वह नियमित योग करते थे। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक प्रशिक्षित कार्यकता थे।
घटना सुनकर दंग रह गए लोग
राजा यादव के मौत की बात बुधवार सुबह होते-होते चारो तरफ फैल गई। घटना के विषय में सुनकर लोग दंग रह गए। इस परिवार की गणना अतरौलिया के संभ्रांत लोगों में होती है। राजा के घर में तीन लाइसेंसी असलहे हैं। वर्ष 1947 के समय का एक असलहा राजा के बाबा भजुनंदन के नाम से है। बाद में उनके निधन के बाद असलहे का लाइसेंस उनके चाचा वीरेंद्र के नाम हो गया। इसके अलावा इनके पिता सुरेंद्र कुमार के नाम पर दो लाइसेंसी बंदूकें हैं। अतरौलिया में भी बीएन एकेडमी के नाम से एक संस्थान संचालित होता है। मृतक का अंतिम संस्कार बरगदहीं स्थित मुक्तिधाम से हुआ।