बिहार है भारत की ‘सोने की चिड़िया’! तिजोरी नहीं यहां छिपा गोल्ड



नई दिल्ली. बिहार, भारत की सोने की चिड़िया है. ये बात थोड़ी अटपटी जरूर लग सकती है लेकिन सच है. ये सोना ना तो तिजोरियों में है, ना बैंक लॉकर में है, ना बिहार वासियों के पास इतने गहने हैं कि इस बात का दावा किया जा सके. तो फिर सवाल उठता है कि आखिर बिहार को सोने की चिड़िया क्यों कहा गया. दरअसल बिहार में बहुत-सा सोना दबा हुआ है जिसे बस निकालने भर की देरी है. अगर ये सोना निकला तो बिहार में मानो बहार आ जाएगी. दरअसल गोल्ड रिजर्व के मामले में बिहार, देश में पहले पायदान पर है.
नेशनल मिनरल इन्वेंट्री डाटा के अनुसार, 1.4.2015 तक देश में स्वर्ण अयस्क (प्राथमिक) का कुल भंडार/संसाधन 501.83 मिलियन टन अनुमानित किया गया. इसमें से 17.22 मिलियन टन को रिजर्व कैटेगरी में रखा गया और शेष 484.61 मिलियन टन को शेष संसाधन श्रेणी में रखा गया. भारत में, सोने के अयस्क (प्राथमिक) के सबसे बड़े संसाधन बिहार (44%) में स्थित हैं. इसके बाद राजस्थान, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और झारखंड में हैं.
बिहार के जमुई जिले के सोनो प्रखंड इलाके के करमटिया में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के बाद देश का सबसे बड़ा सोने सोने का भंडार होने की बात सामने आई थी. ज्यूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के सर्वेक्षण के अनुसार, जमुई जिले में 37.6 टन खनिज युक्त अयस्क समेत लगभग 222.88 मिलियन टन सोने का भंडार है. खास बात है कि बिहार में 222.885 मिलियन टन स्वर्ण धातु है जो देश के कुल गोल्ड रिजर्व का लगभग 44 फीसदी है.
द हिन्दू की एक रिपोर्ट के अनुसार, बिहार सरकार देश के इस सबसे बड़े गोल्ड रिजर्व के उत्खनन के लिए अनुमति लेने का विचार किया है. बता दें कि भारत में हर साल भारी मात्रा में सोने का आयात किया जाता है. लेकिन, किसी जमाने में भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था लेकिन आज देश को सोने की पूर्ति करने के लिए विदेशों से गोल्ड मंगाना पड़ता है.
भारत में सोने का उत्खनन होता था लेकिन अब इन खदानों से गोल्ड निकालना लगभग बंद कर दिया गया है. कर्नाटक की कोलार गोल्ड माइंस गोल्ड के लिए काफी फेमस रही हैं. हालांकि, भले ही भारत में गोल्ड माइनिंग नहीं हो रही है लेकिन ज्यूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया