बिहार को अभिनेता नहीं, नेता चाहिए
2020 के चुनाव में खुद को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने वाली प्लूरल्स पार्टी की प्रमुख पुष्पम प्रिया चौधरी एक बार फिर से चर्चा में है। रविवार को महागठबंधन की रैली में लालू-तेजस्वी और राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। तेजस्वी यादव ने तो 10 लाख की भीड़ का दावा तक कर दिया और लालू प्रसाद ने भी हिंदू कार्ड खेल दिया। इन सब के बाद प्लूरल्स पार्टी की प्रमुख पुष्पम प्रिया चौधरी ने लालू-तेजस्वी पर निशान साधा है। उन्होंने कहा है कि 15 वर्ष मुख्यमंत्री और तीन वर्ष उपमुख्यमंत्री रहने के बावजूद अगर रैली में भीड़ जुटाने के लिए बार बालाओं को बुलाकर नचाना पड़े ऐसी सभा बुलाने पर लानत है।
पुष्पम प्रिया ने आगे लिखा कि वाजपेयी जी से शब्द उधार लूं तो ऐसी बाज़ारू राजनीति को चिमटे से भी छूना पसंद न करूं। सीता, गार्गी, भारती के बिहार में! इसके बाद उन्होंने लिखा कि कैंब्रिज में भाषण देकर सीधे उस रैली में जिसके लिए लड़कियों को नचाया जाय और भीड़ के ‘जोश’ के लिए अश्लील गाने बजे? अपनी नहीं तो कैंब्रिज की तो इज़्ज़त रखिए। अगर आप इंदिराजी के पोते हैं तो माफ़ी मांगिए। वो हारने के बाद बिहार के गाँव आई थीं, बच्चियों को नचाया नहीं था।
बिहार को अभिनेता नहीं, नेता चाहिए
बिहार को कैसा नेता चाहिए? इस पर पुष्पण प्रिया ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अच्छा है कि इस बार अंग्रेजी अक्षरों से अंग्रेजी शब्द ही बनाये गए हैं। भाषा कोई भी हो, उसका सम्मान होना चाहिए। “Rights… Development… बड़े भारी शब्द हैं!” इनका भार उठाने को बाबा साहेब आम्बेडकर जैसा दिमाग और नेताजी बोस जैसा दिल चाहिए। वह किसके पास है? बिहार को अभिनेता नहीं, नेता चाहिए, असली नेता!
नीतीश कुमार को हटाने के लिए खाई है यह कसम
बता दें कि पुष्पम प्रिया चौधरी ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद से को हटाने की कसम खा रखी है। विधानसभा चुनाव 2020 के बाद एलान करते हुए पुष्पम ने कहा था कि नीतीश कुमार को गद्दी से नहीं हटा दूंगी, तबतक अपने चेहरे से मास्क नहीं हटाऊंगी।