यमुनोत्री धाम पर जाना नहीं होगा आसान, लग गई धारा 144
देहरादून. उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को लेकर बड़ा अपडेट है. यमुनोत्री धाम पैदल मार्ग पर धारा 144 लागू कर दी गई है. उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने यमुनोत्री में उमड़ रही भीड़ को काबू करने के लिये यह फैसला लिया है. कलेक्टर के आदेश के मुताबिक जानकी चट्टी से यमुनोत्री तक के पैदल मार्ग में घोड़े-खच्चर और डंडी-कंडी की संख्या तय कर दी गई है. नई व्यवस्था के तहत जानकचट्टी से यमुनोत्री धाम तक 5 घण्टे में दर्शन कर लौटना होगा.
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद से ही बड़ी संख्या श्रृद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. भीड़ की वजह से जाम के ऐसे हालात हैं कि सारी व्यवस्थाऐं चरमरा गई हैं. यही वजह है कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उत्तरकाशी के कलेक्टर ने धारा 144 लागू करने के आदेश दिए हैं. जानकारी के मुताबिक बड़कोट के डिप्टी कलेक्टर और एसपी समेत अन्य अधिकारियों ने भीड़ को डीएम को रिपोर्ट सौंपी थी. इसमें यमुनोत्री पैदल मार्ग के संकरे होने के कारण यात्रियों की जान को खतरा बताया गया था.
एक घंटे के भीतर दर्शन
यमुनोत्री पैदल यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की संख्या 800 तय की गई है. उनके आने-जाने का समय सुबह 4 बजे से शाम 5 बजे तक तय किया गया है. इसके साथ ही प्रत्येक घोड़े-खच्चर के यात्री को यमुनोत्री से लेकर जाने और दर्शन के बाद उसके वापस लौटने की समय सीमा पांच घंटे की तय की गई है. आदेश में स्पष्ट है कि पांच घंटे से ज्यादा कोई भी घोड़ा-खच्चर यात्रा मार्ग पर नहीं रहेगा. यमुनोत्री धाम पहुंचने पर यात्री को 60 मिनट के भीतर यमुनोत्री के दर्शन कराने का आदेश दिया गया है. इस नियम के तहत मन्दिर समिति से लेकर सभी विभागों की जिम्मेदारी तय की गई है.
चारधाम यात्रा में 21 यात्रियों की मौत
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी. इसके बाद तीर्थ यात्रियों को हुजूम उमड़ने लगा. यहां 11 दिनों में 21 यात्रियों की मौत हो चुकी है. बदरीनाथ धाम में अब तक 7 लोगों की मौत हो गई है, जबकि गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में 14 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से ज्यादातर यात्रियों की मौत का कारण डॉक्टरों ने हार्ट अटैक बताया