22 November, 2024 (Friday)

भारत की फ्रांस से एक डील…फिर थर-थर कापेंगे चीन-पाकिस्तान

नई दिल्ली: भारत की सैन्य ताकत से पहले ही पाकिस्तान और चीन की नींद उड़ी हुई है. अब समंदर का नया सिकंदर भी उन्हें थर-थर कंपाने आ रहा है. जी हां, भारत के बाहुबली लड़ाकू विमान राफेल के बाद अब समंदर के नए सिकंदर राफेल एम की बारी है. भारत को बहुत जल्द राफेल एम फाइटर जेट मिलने वाला है. राफेल जहां भारतीय वायुसेना की ताकत में चार चांद लगा रहा है. वहीं, राफेल एम जेट इंडियन नेवी की ताकत को और बूस्ट करेगा. भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल मरीन जेट यानी समुद्री लड़ाकू विमानों के लिए डील होने वाली है. यह डील करीब 50 हजार करोड़ रुपए की होगी. भारत और फ्रांस के बीच राफेल एम फाइटर जेट को लेकर इसी सप्ताह बातचीत होगी.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, भारत 26 राफेल मरीन फाइटर जेट की खरीद के लिए आधिकारिक तौर पर फ्रांस के साथ कॉन्ट्रैक्टर नेगोसिएशन शुरू करेगा. भारत ऐसे वक्त में समंदर के सिकंदर यानी राफेल एम के लिए डील पर बातचीत करने जा रहा है, जब हिंद महासागर क्षेत्र में चीन का खतरा बढ़ता जा रहा है. यही वजह है कि भारतीय नौसेना जल्द से जल्द अपने दो एयरक्राफ्ट कैरियर्स के लिए सुपरसोनिक जेट यानी राफेल एम को शामिल करने की इच्छुक है. इसे लेकर 30 मई को भारत में बैठक है. फ्रांसीसी सरकार, फाइटर जेट बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट और हथियार प्रणाली इंटीग्रेटर थेल्स सहित अन्य कंपनियों के अधिकारियों की एक टीम 30 मई को भारत पहुंच रही है. भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इस डील के लिए एक अनुबंध वार्ता समिति (सीएनसी) गठित की है. भारत की यही टीम फ्रांस की टीम के साथ इस डील को कन्फर्म करेगी.

पिछले साल मिली थी परिषद की मंजूरी
भारत के रक्षा मंत्रालय और नौसेना ने पिछले साल ही फ्रांस को इस डील के लिए अपनी रजामंदी दे दी थी. मझगांव डॉक्स में करीब 30,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले 26 राफेल-एम और तीन एडिशनल स्कॉर्पीन सबमरीन्स के प्रस्तावित सौदों को पिछले साल 13 जुलाई को राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद द्वारा आवश्यक स्वीकृति प्रदान की गई थी. यह पेरिस में मोदी-मैक्रोन शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले हुई थी. इससे पहले साल 2016 में भारत ने अपनी वायुसेना के लिए 36 राफेल लड़ाकू जेट खरीदने के लिए एक सौदा किया था. फ्रांस से इन सभी राफेल विमानों की डिलीवरी हो चुकी है और भारतीय आसमान में राफेल गरज भी रहा है.

क्या हैं राफेल एम फाइटर जेट की खासियतें?
राफेल एम फाइटर जेट समुद्री क्षेत्र में हवाई हमले के लिए खास तौर पर डिजाइन किए गए हैं. इसके मिलने से इंडियन नेवी की ताकत और बढ़ जाएगी. इन राफेल एम फाइटर जेट की तैनाती आईएनएस विक्रांत और विक्रमादित्य पर होगी. राफेल एम को एयरक्राफ्ट कैरियर्स पर लैंडिंग के हिसाब से डिजाइन किया गया है. इसका विंग फोल्डेबल है, जबकि वायुसेना का राफेल नॉन फोल्डेबल है. इसका भी निर्माण दसॉल्ट एविएशन ने ही किया है. यह सिंगल सीटर फाइटर जेट होगा. यह समंदर की गहराई में भी हमला करने में सक्षम है और टोही मिशनों को भी अंजाम दे सकता है. यह परमाणु हमलों को विफल करने में भी सक्षम है. राफेल एम जेट यह 15.30मी. लंबा, 10.90 मी. चौड़ा, 5.30 मी. ऊंचा है. इसका वजन कुरीब 10,500 किलो है. यह 9.5 टन तक का बाहरी भार उठा सकता है. राफेल एम विमान की रफ्तार करीब 1389 किमी प्रति घंटे है और यह 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है. यह परमाणु क्षमता से लैस फाइटर जेट है.

वायुसेना वाले राफेल से कितना अलग?
इसके अन्य खासियत की बात करें तो राफेल एम फाइटर जेट एक साथ हवा से जमीन और हवा से हवा दोनों तरह के मिशन को अंजाम दे सकता है. वायुसेना वाले राफेल से तुलना करें तो यह कई मायनों में काफी अलग है. राफेल एम वाहक-पोत आधारित संचालन की चुनौतियों का सामना करने के लिए बनाए गए हैं. इसमें ज्यादा प्रभावी लैंडिंग क्षमता, कैटापल्ट या रैंप लॉन्च और खारे पानी के वातावरण में उड़ान भरना शामिल हैं. विमान वाहक पोतों पर तैनाती और युद्धाभ्यास की सुविधा के लिए राफेल मरीन में लैंडिंग गियर और एयरफ्रेम को अत्यधिक मजबूत बनाया गया है. इसके फोल्डिंग विंग्स भी काफी मजबूत हैं. जबकि वायुसेना को जो राफेल मिले हैं, उनमें इन सुविधाओं की जरूरत नहीं होती है क्योंकि वे पारंपरिक रनवे से उड़ान भरते हैं. एयरक्राफ्ट कैरियर डेक पर जगह की कमी होती है. इसलिए जगह बचाने के लिए नौसैनिक लड़ाकू विमानों में फोल्डिंग विंग्स होते हैं. राफेल एम फाइटर जेट में भी यही सुविधा होगी. हालांकि, ऐसी सुविधा वायुसेना वाले राफेल में नहीं मिलेगी. नेवी के लड़ाकू जेट अक्सर वायुसेना वाले जेट से हल्के होते हैं. इस तरह से राफेल एम भी वायुसेना वाले राफेल से हल्का होगा.

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *