22 November, 2024 (Friday)

पूर्व CM शिवराज, वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ जमानती वारंट जारी

जबलपुर। मध्य प्रदेश से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जहां पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया गया है। एमपीएमएल कोर्ट ने अदालत में हाजिर न होने पर 500 रुपए का जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट ने अवमानना करने पर पिछली डेट को रिवाइज कर एक महीने पहले हाजिर होने का आदेश दिया।

अदालत ने 7 मई 2024 को व्यक्तिगत उपस्थिति होने का आदेश दिया था। तीनों नेता लगातार दो बार अदालत में सुनवाई से गैरहाजिर रहे हैं। लोकल इलेक्शन में तीनों नेताओं द्वारा विवेक तन्खा पर ओबीसी आरक्षण रुकवाने का आरोप लगाया था। तीन नेताओं के बयान से आहत विवेक तन्खा ने 10 करोड़ का परिवाद दायर किया था।

वहीं एमपी एमएलए कोर्ट की विशेष न्यायाधीश विश्वेश्वरी मिश्रा ने आदेश जारी किया है। जिसमें न्यायालय ने कुछ महत्वपूर्ण टिप्पणियां की है। आदेश में कहा गया कि सभी ”बीजेपी के वरिष्ठ नेता” न्यायालय के आदेशों का पालन ना करने पर आमजन में गलत संदेश जाएगा। व्यक्तिगत व्यस्तता बताकर न्यायालय के आदेशों का पालन न करने से आमजन में गलत मैसेज जाएगा। आपको बता दें कि पूर्व CM शिवराज सिंह चौहान , वीडी शर्मा और भूपेंद्र सिंह ने आवेदन पेश किया था। लोकसभा चुनाव का हवाला देकर व्यक्तिगत उपस्थिति से बचने के लिए आवेदन दिया था।

ये है मामला

साल 2023 में मध्य प्रदेश के पंचायत चुनाव के दौरान हुई बयान बाजी को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह, प्रदेश अध्यक्ष VD शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ 10 करोड़ रुपए का आपराधिक मानहानि का परिवाद दायर किया था। दरअसल, पंचायत चुनाव के दौरान सुप्रीम के फैसले को लेकर बीजेपी नेताओं द्वारा बयान बाजी की जा रही थी, जिसमें भाजपा नेताओं द्वारा लगातार यह बयान दिया जा रहा था कि विवेक तन्खा की सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के चलते ही पंचायत चुनाव की प्रक्रिया रद्द कर दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने रोटेशन प्रक्रिया का पालन न होने पर पंचायत चुनाव की प्रक्रिया रद्द कर दी थी। लंबी न्यायिक प्रक्रिया के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बिना OBC आरक्षण के बिना ही चुनाव कराने के निर्देश दिए थे। जिस पर बीजेपी के नेताओं ने विवेक तन्खा सहित तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को लेकर लगातार बयान दिए थे कि, ओबीसी आरक्षण को लेकर विवेक तन्खा द्वारा दायर याचिका के चलते ही सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव पर रोक लगाई है।

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