पूरी दुनिया में मुंबई हमले का विरोध, अमेरिका, जापान में प्रदर्शन, फ्रांस बोला- आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम भारत के साथ
मुंबई हमले की बरसी पर देश ही नहीं विदेशों में भी पाकिस्तानी आतंकवाद के विरोध में आवाज उठाई गई। इजरायल में मुंबई हमलों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। यूरोपियन सांसदों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में साथ देने का वादा किया है। उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इधर मुंबई हमले के विरोध में अमेरिका और जापान में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन हुए।
फ्रांस बोला- हम भारत के साथ
न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूत रंधीर जैसवाल ने कहा है कि पाकिस्तान को मुंबई हमले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनाइन ने पेरिस में मुंबई हमले में मरने वालों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि फ्रांस और भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक साथ हैं।
इजराइल में श्रद्धांजलि कार्यक्रम
इजरायल के यरुशलम, तेल अबीब, रेहोवोट, ऐलात और बीरशीवा में श्रद्धांजलि कार्यक्रम हुए। यहां कार्यक्रमों में कहा गया कि इजरायल हर उस देश का विरोध करता है जो फंडिंग करते हुए आतंकवाद को पनाह दे रहे हैं। ऐसे देशों का बहिष्कार किया जाना चाहिए। इजरायल के छह नागरिकों की भी मुंबई हमले में मौत हुई थी।
अमेरिका में प्रदर्शन
वाशिंगटन में भारतीय-अमेरिकन नागरिकों ने कैपीटोल हिल पर पाकिस्तान के खिलाफ जबर्दस्त प्रदर्शन किया। यहां लोगों के हाथों में पाक के खिलाफ बैनर-पोस्टर थे। यहां के भारतीयों ने उम्मीद जताई कि अमेरिका का नया प्रशासन आतंकवाद के मामले में पाकिस्तान पर लगाम लगाएगा।
जापान में भी विरोध
टोक्यो में भारतीय प्रवासियों और अन्य समुदायों के लोगों ने पाकिस्तानी दूतावास के बाहर प्रभावी प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पाक के खिलाफ नारेबाजी की और हमले के दोषियों को अभी तक सजा न देने पर विरोध जताया।
यूरोपियन सांसदों ने मोदी को लिखा पत्र
इधर यूरोपियन सांसदों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को अपना समर्थन दिया है। सांसदों ने कहा है कि पाकिस्तान के निरंतर आंतकवादियों को पनाह देने से विश्व में खतरे बढ़े हैं। सांसदों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को पत्र लिखकर मुंबई हमलों के दोषियों को सजा न दिए जाने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने यह भी सवाल किया है कि पाकिस्तान में रहने वाले लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।