दिवाली पर अर्थव्यवस्था को 2.65 लाख करोड़ का बूस्टर डोज, मार्च के बाद से लेकर अब तक 29.87 लाख करोड़ का पैकेज
कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सरकार का प्रयास लगातार जारी है। इस दिशा में गुरुवार को तीसरे आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया गया। सरकार आत्मनिर्भर भारत के दो पैकेज की घोषणाएं पहले ही कर चुकी हैं। तीसरे पैकेज के तहत अर्थव्यवस्था के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए 2.65 लाख करोड़ रुपए के बूस्टर डोज की घोषणा की गई जिसमें मैन्यूफैक्चरिंग, रोजगार, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर विशेष जोर दिया गया।
वहीं, किसान, ग्रामीण रोजगार व निर्यात का भी ख्याल रखा गया है। 10 औद्योगिक क्षेत्रों के लिए घोषित 1.46 लाख करोड़ के प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआइ) को भी शामिल कर लिया है। इस 1.46 लाख करोड़ को हटा दिया जाए तो गुरुवार को 1.19 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया गया।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना
कोरोना काल में बेरोजगार होने वाले या नए लोगों को नौकरी देने वाली भविष्य निधि संगठन से पंजीकृत कंपनी या संस्था को इस स्कीम का लाभ मिलेगा। अगर 50 या इससे कम संख्या वाली कंपनी कम से कम 2 नए लोगों को नौकरी देती है या 50 से अधिक कर्मचारी वाली कंपनी कम से कम 5 नए लोगों को नौकरी देती है तो नौकरी पर रखे गए नए लोगों के भविष्य निधि जमा करने की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। 30 जून, 2021 तक यह स्कीम लागू रहेगी और अगले दो साल तक सरकार पीएफ में कर्मचारियों का पैसा जमा करेगी। 1000 तक लोगों को नौकरी देने वाली संस्था के लिए केंद्र सरकार कर्मचारी और कंपनी दोनों की पीएफ हिस्सेदारी (वेतन का 24 फीसद) देगी। 1000 से अधिक रोजगार देने वाली संस्था के लिए केंद्र सरकार पीएफ में 12 फीसद का योगदान देगी।
ईसीएलजीएस की अवधि 31 मार्च तक बढ़ी
इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत 3 लाख करोड़ रुपए के लोन एमएसएमई को देने की घोषणा की गई थी जिसकी अवधि गत 31 अक्टूबर तो समाप्त हो गई जिसे पिछले सप्ताह बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया गया था। अब इस अवधि को 31 मार्च, 2021 तक कर दिया गया है। अब इस स्कीम के तहत बड़ी कंपनी भी लोन ले सकेगी क्योंकि लोन की पात्रता के लिए कंपनी के टर्नओवर की सीमा समाप्त कर दी गई है।
10 औद्योगिक सेक्टर के लिए पीएलआई
10 औद्योगिक सेक्टर को 1.46 लाख करोड़ के प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव देने का ऐलान किया गया। इससे घरेलू स्तर पर रोजगार निकलने के साथ मैन्यूफैक्चरिंग को प्रोत्साहन मिलेगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना, शहरी (यू) के लिए अतिरिक्त प्रावधान
चालू वित्त वर्ष के बजट में इस योजना के लिए 8000 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया था। पैकेज के तहत इसके अलावा 18,000 करोड़ रुपए का ऐलान किया गया है। इससे 12 लाख मकान निर्माण के आरंभ होने एवं 18 लाख मकान के पूरा होने में मदद मिलेगी। 78 लाख नई नौकरियां निकलेंगी। 25 लाख टन स्टील तो 131 लाख टन सीमेंट की खपत होगी।
सरकारी टेंडर में सिक्युरिटी मनी को कम किया गया
सरकारी टेंडर में अरनेस्ट मनी डिपोजिट (ईएमडी) की जरूरत नहीं होगी इसकी जगह बिड सिक्युरिटी डिक्लेयरशन देना होगा। ठेका लेने के लिए परफार्मेंस सिक्युरिटी को घटाकर 3 फीसद किया गया जो कि 5 से 10 फीसद तक होता है। इस फैसले से ठेकेदार को ठेका लेने के लिए पहले के मुकाबले कम पूंजी की जरूरत होगी।
आवासीय रियल एस्टेट को बूस्ट के लिए इनकम टैक्स नियम में राहत
आवसीय क्षेत्र की रियल एस्टेट कंपनी की मांग में बढ़ोतरी के लिए 2 करोड़ तक के मकान की कीमत और सर्किल रेट के बीच के अंतर पर मिलने वाले इनकम टैक्स में राहत दी गई। अब तक मकान की कीमत सर्किल रेट से 10 फीसद से अधिक होने पर बाकी की राशि पर खरीदार को इनकम टैक्स देना पड़ता था। अब इस सीमा को बढ़ाकर 20 फीसद कर दिया गया है। मतलब यह हुआ कि अगर सर्किल रेट एक करोड़ का है तो इनकम टैक्स का लाभ लेने के लिए खरीदार 1.2 करोड़ तक का मकान खरीद सकता है। पहले यह सीमा 1.1 करोड़ थी। इससे ऊपर की राशि पर खरीदार को इनकम टैक्स देना होता था। 30 जून, 2021 तक यह नियम लागू रहेगा।
एनआईआईएफ डेट प्लेटफार्म में सरकार करेगी निवेश
इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में निवेश के लिए नेशनल इंवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (एनआईआईएफ) का सृजन किया गया है। पैकेज के तहत सरकार इस एनआईआईएफ में इक्विटी के तहत 6000 करोड़ का निवेश करेगी। इससे वर्ष 2025 तक इंफ्रा प्रोजेक्ट के लिए 1.10 लाख करोड़ का फंड जुटाया जा सकेगा।
किसानों के लिए खाद सब्सिडी
आने वाले सीजन में किसानों को समय पर खाद मुहैया कराने के लिए खाद सब्सिडी के रूप में 65,000 करोड़ रुपए देने की घोषणा की गई है। इससे 14 करोड़ किसानों को मदद मिलेगी। चालू वित्त वर्ष में 673 लाख टन खाद की खपत की उम्मीद की जा रही है।
ग्रामीण रोजगार को बूस्ट
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना के तहत ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम देश के 116 जिलों में पहले से चल रहा है जिस पर अब तक 37,543 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। गुरुवार को घोषित पैकेज के तहत इस योजना के लिए चालू वित्त वर्ष में 10,000 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
प्रोजेक्ट निर्यात को प्रोत्साहन
प्रोजेक्ट निर्यात के प्रोत्साहन के लिए एक्जिम बैंक को 3000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे ताकि प्रोजेक्ट निर्यात करने वाली कंपनियों को ऑर्डर लेने में कोई दिक्कत नहीं हो।
औद्योगिक प्रोत्साहन के लिए अलग से 10,200 करोड़ का प्रावधान
पैकेज के तहत सुरक्षा उपकरण, औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर व ग्रीन एनर्जी क्षेत्र के उद्योगों को मदद व इंसेंटिव देने के लिए 10,200 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
कोरोना वैक्सीन रिसर्च के लिए 900 करोड़
कोरोना वैक्सीन पर अनुसंधान व विकास के मद में पैकेज के तहत 900 करोड़ रुपए देने की घोषणा की गई।
मार्च से लेकर अब तक 29.87 लाख करोड़ का पैकेज
गुरुवार को पैकेज का ऐलान करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इस साल मार्च से लेकर अब तक सरकार 29,87,641 करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान कर चुकी है जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 15 फीसद है। इनमें गत 31 अक्टूबर तक आरबीआइ के उपाय से मिलने वाली आर्थिक राहत भी शामिल हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान 1.0 के तहत 11,02,650 करोड़ के पैकेज की घोषणा की गई थी। इसके साथ 1,92,800 करोड़ रुपए के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का भी एलान किया गया था। वहीं, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज अन्न योजना के तहत 82,911 करोड़ रुपए दिए गए। गत अक्टूबर में आत्मनिर्भर भारत अभियान 2.0 की घोषणा की गई जिसके तहत 73,000 करोड़ रुपए का पैकेज दिया गया। आरबीआइ के उपायों से 12,71,200 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद मिली।