18 November, 2024 (Monday)

दिल्ली दंगे : कोर्ट ने कहा CCTV फुटेज अतिरिक्त साक्ष्य हो सकता है, महत्वपूर्ण माध्यम नहीं

दिल्ली दंगों के एक आरोपी की जमानत यचिका को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज साक्ष्य का एक अतिरिक्त उपकरण हो सकता है, लेकिन महत्वपूर्ण माध्यम नहीं है। इस आरोपी पर हत्या, लूट व अन्य गंभीर आरोप हैं।

कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत ने इस बात पर भी गौर किया कि आरोपी को 12 मार्च 2020 को एक गवाह के बयानों के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। आरोपी को 24 फरवरी को मौजपुर चौक पर हुए दंगे के मामले में किया गया था। आरोपी की तरफ से दाखिल जमानत याचिका में कहा गया था कि उसके खिलाफ कोई सीसीटीवी फुटेज नहीं है, लेकिन अदालत ने कहा कि अगर इस आरोपी के खिलाफ कोई सीसीटीवी फुटेज नहीं है तो इसका मतलब यह नहीं वह आरोपी नहीं है। उसने वास्तविकता में कोई अपराध नहीं किया है। अदालत ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज एक अतिरिक्त साक्ष्य माना जा सकता है, लेकिन इसे मुख्य आधार नहीं माना जा सकता।

आरोपी की जमानत याचिका में यह भी कहा गया है कि आरोपी स्मैक पीने का आदि है। उसके गुर्दे, लिवर व गले में दर्द है। वह दंगों के दौरान किसी सीसीटीवी कैमरे में भी कैद नहीं हुआ है।

बचाव पक्ष के वकील का कहना था कि उनके मुवक्किल पर लगे आरोप झूठे हैं। वहीं अभियोजन पक्ष के वकील ने आरोपी की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी पर गंभीर अपराध का आरोप है। उस पर पत्थर फेंकने, फायरिंग करने आदि के भी आरोप हैं। उसे जमानत पर नहीं छोड़ा जा सकता। जाफराबाद में पुलिस बल पर हमला करने के मामले में भी वह आरोपी है। इस हमले में एक राहगीर रोहित शुक्ला को गोली लगी थी। वह गंभीर रूप से जख्मी हुआ था, जबकि विनोद नामक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी। अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *