डिजिटल पेमेंट में इन बैंकों के ग्राहकों ने झेली सबसे ज्यादा परेशानी, जानें पूरी लिस्ट
कोरोना महामारी के बीच डिजिटल भुगतान में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, इसके साथ ही ऑनलाइन भुगतान फेल होने के मामले भी तेजी से बढ़े हैं जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, डिजिटल भुगतान मामले में आठ बैंकों की व्यवस्था सबसे लचर रही है। इनमें चार सरकारी बैंक भी शामिल है।
इन चार सरकारी बैंकों की हालत सबसे खराब
एनपीसीआई की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी बैंक में कॉरपोरेशन बैंक में ग्राहकों को सबसे अधिक परेशानियां झेलनी पड़ीं हैं। इसमें करीब 14.8 फीसदी लेनदेन फेल हुए हैं। वहीं, कैनरा बैंक में 9.8 फीसदी, बैंक ऑफ इंडिया में 4.2 फीसदी भुगतान फेल हुए हैं। वहीं देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक में 3.7 फीसदी लेनदेन फेल हुए हैं। वहीं, निजी बैंकों में एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक में एक फीसदी से भी कम लेनदेन फेल हुए हैं। कोटक महिंद्रा बैंक के सबसे अधिक 2.36 लेनदेन अक्तूबर महीने में फेल हुए।
ऑनलाइन भुगतान में रिकॉर्ड बढ़त
कोरोना संकट के बीच इस त्योहारी सीजन में नकदी भुगतान में भारी गिरावट देखने को मिली है। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन और फ्लिपकार्ट पर नकदी भुगतान करीब 25 फीसदी रहा, जो पिछले साल 60-65 फीसदी था। एनपीसीआई की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अक्तूबर 2020 के दौरान देश में 207.16 करोड़ रुपये का डिजिटल ट्रांजैक्शन हुआ। वहीं,पिछले साल अक्तूेबर में यूपीआई ट्रांजैक्शं स ने 100 करोड़ रुपये का आंकड़ा छुआ था।
ट्रांजेक्शन फेल होने पर क्या करें
अगर आपका पैसा वापस नहीं आता है तो आप यूपीआई ऐप जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए आपको पेमेंट हिस्ट्री ऑप्शन पर जाना होगा। यहां आपको रेज डिस्प्यूट पर जाना होगा। रेज डिस्प्यूट पर अपनी शिकायत दर्ज करा दें। बैंक आपकी शिकायत को सही पाने पर पैसा लौटा देगा।
भुगतान फेल होने पर बैंक देगा 100 रुपये रोज का हर्जाना
तेजी से बढ़ने ऑनलाइन भुगतान के साथ फेल होने के मामले भी बढ़ रहे हैं। अगर आपने किसी को अपने यूपीआई से भुगतान किया और आपक खाते से पैसे कट गए आर दुकानदार को नहीं मिले तो घबराने की जरूरत नहीं है। इस तरह के मामलों में खाते से कटी रकम बैंक को तुरंत लौटानी होती है। अगर शिकायत दर्ज होने के सात दिनों के भीतर ग्राहक के खाते में पैसा नहीं आता है तो कार्ड जारी करने वाले बैंक को रोजाना 100 रुपये के हिसाब से हर्जाना चुकाना पड़ता है। फेल ट्रांजेक्शन के मामले में आरबीआई के ये नियम 20 सितंबर 2019 से लागू हैं।