ट्रंप ने बाइडन को दी बहस की चुनौती
सुपर ट्यूसडे यानी 5 मार्च को हुए प्राइमरी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडन ने लगभग क्लीन स्वीप करते हुए जीत दर्ज की। रिपब्लिकन पार्टी में ट्रंप को चुनौती दे रहीं एकमात्र उम्मीदवार निक्की हेली ने भी बुधवार को सुपर ट्यूसडे के नतीजे जारी होने के बाद अपनी उम्मीदवारी वापस लेने का एलान कर दिया। जिसके बाद नवंबर में अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में जो बाइडन का मुकाबला डोनाल्ड ट्रंप से होना लगभग तय हो चुका है।
डोनाल्ड ट्रंप ने जो बाइडन को दी चुनौती
जो बाइडन से मुकाबला तय होने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने भी बाइडन को डिबेट की चुनौती दी है। डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर साझा किए एक पोस्ट में लिखा कि ‘यह हमारे देश और लोगों के लिए अच्छा रहेगा कि अगर जो बाइडन और मैं अमेरिका के लिए अहम मुद्दों पर बहस करें। मैं कहीं भी, कभी भी डिबेट के लिए तैयार हूं।’ डोनाल्ड ट्रंप भले ही जो बाइडन को बहस की चुनौती दे रहे हैं, लेकिन वह खुद अभी तक रिपब्लिकन पार्टी की किसी डिबेट में शामिल नहीं हुए। निक्की हेली ने कई बार ट्रंप को बहस की चुनौती दी थी, लेकिन ट्रंप ऐसी किसी बहस में शामिल नहीं हुए। अमेरिका में इस साल नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव एक तरह से 2020 में हुए चुनाव की पुनरावृत्ति दिख रहे हैं, जिसमें भी जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप का मुकाबला हुआ था और एक करीबी मुकाबले में जो बाइडन ने ट्रंप को पटखनी दे दी थी।
ये मुद्दे तय करेंगे चुनाव के नतीजे
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में जो मुद्दे अहम रहने वाले में हैं, उनमें अर्थव्यवस्था, अवैध प्रवासी, विदेश नीति, जलवायु परिवर्तन और लोकतंत्र प्रमुख हैं। खासकर डोनाल्ड ट्रंप का जोर अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर रहेगा। हाल ही में ट्रंप ने अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर का दौरा भी किया था, जहां से बड़ी संख्या में अमेरिका में अवैध प्रवासी प्रवेश करते हैं। ट्रंप कई बार अपनी जनसभाओं में बाइडन सरकार को अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर घेर चुके हैं। बाइडन के कार्यकाल में अमेरिका कोविड संकट से बाहर आया। बेरोजगारी दर कम है और स्टॉक भी उच्च स्तर पर हैं। हालांकि अहम बात ये है कि क्या अमेरिका के लोग मानते हैं कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में है। सर्वे से तो पता लगता है कि अर्थव्यवस्था के मामले में अमेरिकी लोग ट्रंप के कार्यकाल को ज्यादा महत्व दे रहे हैं।
इस्राइल हमास युद्ध, रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बाइडन सरकार पर दबाव बढ़ रहा है। साथ ही अफगानिस्तान से जिस तरह से अमेरिकी सेना निकली, ये कुछ विदेश नीति के मुद्दे हैं, जिन पर ट्रंप, बाइडन सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे। अमेरिकी चुनाव में जलवायु परिवर्तन भी बड़ा मुद्दा है, लेकिन यहां बाइडन, ट्रंप पर भारी पड़ते नजर आते हैं क्योंकि ट्रंप तो जलवायु परिवर्तन को मानते ही नहीं हैं। पिछले राष्ट्रपति चुनाव के बाद जिस तरह से यूएस कांग्रेस में दंगा हुआ, उससे कई अमेरिकी नाराज हैं। ऐसे में अमेरिका में लोकतंत्र भी ऐसा मुद्दा है, जो आगामी राष्ट्रपति चुनाव में अहम रहने वाला है।