चुनाव बीच सरकार उठाने जा रही ऐसा कदम, करोड़ों लोगों को होगा फायदा
नई दिल्ली. नई सरकार बनने से पहले ही नीति आयोग (NITI Aayog) ने 4 बड़ी योजनाओं की सूरत बदलने का मन बना लिया है. सरकार के थिंक टैंक ने इसके लिए बाकायदा सर्वे कराने और आंकड़े जुटाने की तैयारी भी कर ली है. आने वाले 6 महीने के भीतर इसका आंकड़ा जुटाकर जरूरी बदलाव किए जाएंगे. इन 4 योजनाओं को अभी देश के करोड़ों लोगों को फायदा मिल रहा है. आगे इस फायदे को और बढ़ाने के लिए ही सरकार ने बदलाव की बात कही है. यह सभी योजनाएं वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाला वित्त विभाग चलाता है. इसमें से एक योजना का फायदा तो देश के करीब 40 करोड़ लोगों को मिला है.
नीति आयोग की मानें तो जल्द ही 2014 में लांच प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY), 2015 में लांच प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) व प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) और 2016 में लांच स्टैंड अप इंडिया स्कीम (SUPI) के विकास और उससे होने वाले फायदों की समीक्षा की जाएगी. इसके लिए बाकायदा एजेंसियों को हायर किया जाएगा और 6 महीने के भीतर सभी आंकड़े जुटाकर फिर जरूरी बदलाव किए जाएंगे.
नई दिल्ली. नई सरकार बनने से पहले ही नीति आयोग (NITI Aayog) ने 4 बड़ी योजनाओं की सूरत बदलने का मन बना लिया है. सरकार के थिंक टैंक ने इसके लिए बाकायदा सर्वे कराने और आंकड़े जुटाने की तैयारी भी कर ली है. आने वाले 6 महीने के भीतर इसका आंकड़ा जुटाकर जरूरी बदलाव किए जाएंगे. इन 4 योजनाओं को अभी देश के करोड़ों लोगों को फायदा मिल रहा है. आगे इस फायदे को और बढ़ाने के लिए ही सरकार ने बदलाव की बात कही है. यह सभी योजनाएं वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाला वित्त विभाग चलाता है. इसमें से एक योजना का फायदा तो देश के करीब 40 करोड़ लोगों को मिला है.
नीति आयोग की मानें तो जल्द ही 2014 में लांच प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY), 2015 में लांच प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) व प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) और 2016 में लांच स्टैंड अप इंडिया स्कीम (SUPI) के विकास और उससे होने वाले फायदों की समीक्षा की जाएगी. इसके लिए बाकायदा एजेंसियों को हायर किया जाएगा और 6 महीने के भीतर सभी आंकड़े जुटाकर फिर जरूरी बदलाव किए जाएंगे.
बढ़ सकती है बीमा की राशि
सर्वे के जरिये सरकार यह जानना चाहती है कि आम आदमी के लिए शुरू की गई दो बीमा योजनाओं PMJJBY और PMSBY का प्रदर्शन अब तक कैसा रहा है. इसमें मिलने वाले कवरेज, पॉलिसी रिन्यू करने की दर, क्लेम सेटलमेंट की दर और पॉलिसी बांटनी की दर अपेक्षा के अनुरूप है या नहीं. साथ ही जिन लोगों के लिए इस योजना को शुरू किया गया था, उन पर इसका असर पड़ रहा है या नहीं. अगर जरूरी हुआ तो योजना में बदलाव भी किया जाएगा और इसका कवरेज भी बढ़ाया जा सकता है. दोनों बीमा योजनाओं में मिलने वाली राशि को भी बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है. सरकार देखना चाहती है कि क्या योजना के तहत मिलने वाली 2 लाख की राशि पर्याप्त है अथवा इसमें बढ़ोतरी की जरूरत है
यादा नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य
समीक्षा के जरिये सरकार की मंशा है कि स्टैंड आप इंडिया प्रोग्राम का आकलन कर यह देखा जाए कि क्या यह योजना जॉब पैदा करने में सक्षम है. इस योजना की पहुंच, सामाजिक-आर्थिक असर और योग्यता के अलावा कवरेज आदि की भी समीक्षा की जाएगी. समीक्षा करने वाली एजेंसी सभी आंकड़े जुटाकर उसका वित्त सेवा विभाग, स्टैंडिंग कमेटी, कैग रिपोर्ट और अन्य सरकार रिपोर्ट के साथ मिलान करेगी, ताकि वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सके. बाद में एजेंसी की रिपोर्ट के हिसाब से ही योजनाओं में बदलाव किया जाएगा.