गजब : मुर्दे के शपथ पत्र पर नगर पालिका ने कर दिया दुकान ट्रांसफर, जानें पूरा मामला
यूपी के गोंडा नगरपालिका में तमाम जिंदा फरियादी बरसों अपनी अरदास लिए अधिकारियों की चौखट घिसते रहते हैं लेकिन इस बार एक मुर्दे की दरखास्त पर नगरपालिका ने गजब की तेजी दिखाई है। दुकान ट्रांसफर के इस मामले में कई बड़ों ने अपनी कलम फटाफट चलाई है। मृतक के पुत्र ने फर्जीवाड़े के इस कारनामे की शिकायत मंडलायुक्त से की है।
दरअसल देहात कोतवाली की चहारदीवारी से लगकर बनी दुकानों में चौथी दुकान कभी नईम खान की हुआ करती थी जिसे उन्होंने किसी महिला से स्थानांतरित कराया था। 17 दिसंबर 2017 को नईम की इलाज के दौरान मुम्बई में मृत्यु हो गई। यहीं से खेल शुरू हुआ। मृत्यु के दो महीने बाद फरवरी में नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी को शपथ पत्र दिया जाता है कि उसके साथ दुकान में साझीदार रहे हलीम के नाम दुकान ट्रांसफर किए जाने में उसे आपत्ति नहीं है क्योंकि उसने अपना अलग धंधा कर लिया है। इस पत्र पर तेजी दिखाते हुए इसे तत्कालीन ईओ, पलिकाध्यक्ष और संबंधित कर्मचारियों ने इसे आगे बढ़ाते हुए 30 जून के बोर्ड बैठक में स्वीकृति के लिए रख दिया। बोर्ड से अनुमोदन लेकर इसे मोहम्मद हलीम के नाम स्थानांतरित कर दिया गया।
मुम्बई में हुई थी नईम की मृत्यु: देहात कोतवाली गेट स्थित नगरपालिका की फरीदी मार्केट में दुकान नंबर 4 के किराएदार रहे मोहम्मद नईम की मृत्यु 17 दिसंबर 2017 को ही मुम्बई के केबी भाभा अस्पताल में इलाज के दौरान हुई थी। मुम्बई महापालिका की ओर से उसका मृत्य सर्टिफिकेट भी जारी हुआ है। मृत्यु के दो महीने बाद नईम की ओर से पालिका को दिए गए नोटरी दरखास्त और उसपर चंद महीनों में अमल हो जाने कर फर्जीवाड़े से लोग हैरत में हैं।
मंडलायुक्त से की शिकायत: नईम के पुत्र हफीज खान ने इस फर्जीवाड़े की शिकायत मंडलायुक्त से की है। इसमे नगरपालिका के जिम्मेदारों की साठगांठ से फर्जी हस्तांतरण के इस मामले की जांच और कार्रवाई की मांग भी की है।
बोले ईओ: नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी विकास सेन ने बताया कि मामला उनके कार्यकाल शुरू होने से पूर्व का है। शिकायत मिलने पर पूरे प्रकरण की जांच कराई जा रही है। उन्होंने स्वीकार किया कि गलत हुआ है।