इजरायल के प्लान पर फिरेगा पानी? 3 देशों ने खड़ी कर दी ‘दीवार’,
तेल अवीव: गाजा में हमास के खिलाफ इजरायल का जंग जारी है. इस बीच इजरायल को तीन देशों ने बड़ा झटका दिया है. नार्वे, आयरलैंड और स्पेन ने फिलिस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने का फैसला किया है. इस फैसले के बाद से इजरायल आगबबूला हो गया है. इस कदम से नाराज इजरायल ने नॉर्वे और आयरलैंड से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है. वहीं, बेंजामिन नेतन्याहू ने इस फैसले को आतंकवाद से जोड़ा है. इजरायली पीएम नेतन्याहू ने कहा है कि फिलिस्तीन को मान्यता देना आतंकवाद के लिए इनाम जैसा है. तीन देशों का यह फैसला फिलिस्तीन को अलग-थलग करने की कोशिशों को झटका है. इजरायल-हमास जंग के डेढ़ साल हो गए हैं. 7 अक्टूबर 2023 को हमास के लड़ाकों ने इजरायल पर हवाई और जमीनी हमला किया था, जिसके बाद से ही इजरायल का पलटवार जारी है.
दरअसल, फिलिस्तीन को मान्यता देने का फैसला करने वाले नॉर्वे, आयरलैंड और स्पेन को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने चेताया है. बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बयान में कहा, ‘फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने का कई यूरोपीय देशों का इरादा है, जो आतंकवाद का इनाम है.’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘यहूदिया और सामरिया (वेस्ट बैंक) में 80 प्रतिशत फिलिस्तीनी 7 अक्टूबर के भयानक नरसंहार का समर्थन करते हैं. इस बुराई को कोई राज्य नहीं दिया जा सकता.’
फिलिस्तीन होगा आतंकवादी राज्य’
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जोर देकर कहा, ‘यह एक आतंकवादी राज्य होगा. यह 7 अक्टूबर के नरसंहार को बार-बार दोहराने की कोशिश करेगा, मगर हम इसके लिए सहमत नहीं होंगे.’ नेतन्याहू ने कहा, ‘आतंकवाद को पुरस्कृत करने से शांति नहीं आएगी और न ही यह हमें हमास को हराने से रोकेगा.’ इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष के टू स्टेट सॉलूशन में एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की परिकल्पना की गई है, जो इजरायल के साथ शांतिपूर्वक रहे. बता दें कि इजराइल और फलस्तीन के बीच नॉर्वे टू स्टेट सॉलूशन का कट्टर समर्थक रहा है. वह यूरोपीय संघ का सदस्य नहीं है लेकिन इस मुद्दे पर उसका रुख भी यूरोपीय संघ के अन्य सदस्यों के समान है.
बेंजामिन की हो रही आलोचना
हालांकि, बेंजामिन नेतन्याहू टू स्टेट सॉलूशन का विरोध करते हैं, जिसके लिए फिलिस्तीनी हमास आंदोलन कर रहा है. हमास को इजरायल समेत दुनिया के कई देश आतंकी संगठन मानते हैं. फिलिस्तीनियों के साथ संबंधों के लिए अधिक सौहार्दपूर्ण दृष्टिकोण के लिए इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू को अपने अति-दक्षिणपंथी गठबंधन सहयोगियों से बहुत कम समर्थन मिलेगा. आलोचकों ने बेंजामिन नेतन्याहू पर बार-बार गाजा पट्टी में हमास के उत्थान को बर्दाश्त करने या उसे प्रोत्साहित करने का आरोप लगाया है. राष्ट्रपति महमूद अब्बास के अधिक उदार फतह के प्रतिद्वंद्वी के रूप में इसने फिलिस्तीनी राज्य को रोकने के लिए फिलिस्तीनी लोगों को विभाजित किया है. कई दक्षिणपंथी इजरायली फिलिस्तीनी राज्य को इजरायल के लिए एक असहनीय सुरक्षा जोखिम मानते हैं.