आज से 50 फीसदी उपस्थिति के साथ खुले यूपी के विश्वविद्यालय
उत्तर प्रदेश में करीब 8 महीनों से बंद विश्वविद्यालय और कॉलेजों को आज 50 फीसदी उपस्थिति के साथ से खोला गया। दीनदयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी में कॉलेज खोले गए। यहां आए छात्रों ने कहा कि वापस कॉलेज आकर बहुत अच्छा लग रहा है। अब परिसर खुलने की शुरूआत चरणबद्ध तरीके से पढ़ाई आरंभ हो रही है। इसमें सबसे पहले विज्ञान विषयों के शोध छात्रों को आने की अनुमति दी गई है।
पीएचडी के अंतिम वर्ष के छात्र अब अपने शोध संबंधित कार्य विभागों व प्रयोगशालाओं में आकर पूरा कर सकेंगे।
मेरठ में भी आठ महीने बाद खुले डिग्री कॉलेज। पहले दिन कम छात्र कॉलेज पहुंचे।कई कॉलेजों में 10 फीसदी भी उपस्थिति नहीं रही। सहारनपुर में कॉलेज के छात्र-छात्राओं को कोरोना से बचाने को ड्रेस कोड लागू किया गया है। छात्रों के लिए सफेद शर्ट काली पैंट, छात्राएं पहनेंगी नीला सूट और सफेद सलवार पहनने के लिए कहा गया है।
गाइडलाइंस के अनुसार उच्च शिक्षा संस्थानों को कैंपस में भीड़भाड़ से बचने के लिए चरणबद्ध तरीके से फिर से खोलने की अनुमति दी गई है और साथ ही 50 छात्रों की प्रतिशत उपस्थिति के साथ ही खोला जाएगा। बीएचयू के साइंस स्ट्रीम के पीएचडी कार्यक्रमों के अंतिम वर्ष के छात्रों को चरणों में रिसर्च कार्य के लिए अपने संबंधित विभागों या लैब्स में जाने की अनुमति दी है।
आपको बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के चलते मार्च माह से राज्य में विश्वविद्यालय और कॉलेज बंद हैं। उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका गर्ग ने सभी जिला मजिस्ट्रेट और विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को भेजे अपने आदेश में कहा था कि कक्षाएं चरणबद्ध तरीके से फिर से शुरू की जाएं। कक्षाएं इस तरह से लगें कि कैंपस में छात्रों की भीड़ न इकट्ठी हो।
ये हैं गाइडलाइंस
रोटेशन के आधार पर 50 प्रतिशत छात्रों की उपस्थिति के साथ कक्षाएं शुरू की जा सकती है। सभी छात्रों को मास्क पहनना होगा। कैंपस और कक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग संबंधी गाइडलाइंस का पालन करना होगा। हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना होगा।
गाइडलाइंस के मुताबिक, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को विद्यार्थियों व स्टाफ के लिए थर्मल स्कैनिंग एवं हैंड वाश का बंदोबस्त करना होगा।
वाइस चांसलर और प्रिंसपलों से कहा गया है कि संस्थानों को चलाने के लिए एसओपी (स्टैंडर्ज ऑपरेटिंग प्रोसिजर) का पालन किया जाए।
कोविड-19 से लड़ने के लिए शैक्षणिक संस्थान नजदीकी अस्पतालों, स्वास्थ्य केन्द्रों, गैर सरकारी संगठनों व स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ टाईअप कर सकते हैं।
– सभी विद्यार्थियों को आयोग्य सेतु एप डाउनलोड करनी होगी।
– गाइडलाइंस में अभिभावकों को सलाह दी गई है कि वह सुनिश्चित करें कि उनके बच्चे जब भी घर से बाहर निकलें तो हेल्थ प्रोटोकॉल का पालन करें। अगर उनका बच्चा स्वस्थ नहीं है तो उसे घर से बाहर न जाने दें।