आखिरी चरण से पहले PM मोदी ने हर सवाल का दिया जवाब
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में आखिरी चरण की वोटिंग से पहले पीएम मोदी ने इंटरव्यू दिया है. न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष वोट बैंक की राजनीति कर रही है. 4 जून को उनकी विदाई तय है. वहीं चुनाव में आरक्षण पर हो रही बयानबाजी को लेकर उन्होंने कहा कि जनता को आरक्षण को लेकर सचेत करना जरूरी है. विपक्ष संविधान की मर्यादा को तार-तार कर रहा है. विपक्ष की सरकारों ने ओबीसी आरक्षण को छीना है. पीएम मोदी ने अरविंद केजरीवाल के जेल से लेकर कश्मीर में रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग से जुड़े हर सवाल का बेबाकी से जवाब दिया है. तो चलिए जानते हैं पीएम मोदी ने इंटरव्यू में किस मुद्दे पर क्या कहा?
सवाल: आरक्षण इतना बड़ा मुद्दा कैसे बन गया?
‘मुझे मेरे SC,ST, OBC और अति पिछड़े भाई बहनों को सचेत करना है, क्योंकि इनको अंधेरे में रख कर के ये लोग लूट चला रहे हैं. चुनाव एक ऐसा समय है, जो सबसे बड़ा संकट आ रहा है, उससे देशवासियों को मुझे जागरूक करना चाहिए. इसलिए मैं आग्रहपूर्वक जनता जनार्दन को समझा रहा हूं. दो चीजें हो रही हैं- एक भारत के संविधान की मूल भावना का हनन हो रहा है. संविधान की मर्यादाओं का तार-तार कर दिया जा रहा है. और वो भी… अपनी वोट बैंक की राजनीति के लिए. मुझे याद है मैंने सदन में कभी कांग्रेस के नेताओं को सुना तो वे कहते थे कि PSU का आप प्राइवेटाइजेशन कर रहे हैं तो आप आरक्षण मिटा देना चाहते हैं. ये सच्चाई नहीं है. ये गपबाजी कर रहे थे. जो लोग अपने आप को दलितों के हितैशी कहते हैं, आदिवासियों के हितैशी कहते हैं, वे हकीकत में उनके घोर दुश्मन हैं. इन्होंने रातों रात शैक्षणिक संस्थानों को अल्पसंख्यक संस्थान बना दिया और उसमें आरक्षण खत्म कर दिया… दिल्ली में जो जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय है, उसमें सारे आरक्षण खत्म हो गए. बाद में उभर कर आया कि करीब-करीब 10 हजार ऐसे संस्थान हैं, जिसको इस प्रकार से आरक्षण के SC,ST, OBC के अधिकार को पिछले दरवाजे से छीन लिया गया है. संविधान की पीठ में छुरा घोंपा गया है.’
आप आरक्षण को खत्म कर देंगे?
‘उन्होंने ये पाप किया है. मैं उसके खिलाफ बोल रहा हूं और इसीलिए उन्हें झूठ बोलने के लिए ऐसी चीजों का इस्तेमाल करना पड़ता है.’
बंगाल में ओबीसी सर्टिफिकेट पर हाईकोर्ट के फैसले पर पीएम मोदी ने क्या कहा?
2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी OBC प्रमाण पत्रों को रद्द करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले पर पीएम मोदी ने कहा, ‘उनके पास एक कार्यप्रणाली है. सबसे पहले, उन्होंने आंध्र प्रदेश में कानून बनाकर इसे अल्पसंख्यकों को देने का पाप शुरू किया, वे हार गए. सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया, क्योंकि संविधान इसकी अनुमति नहीं देता है. इसलिए उन्होंने चालाकी से पिछले दरवाजे से खेल शुरू किया और इन लोगों ने रातों-रात मुस्लिमों की सभी जातियों को ओबीसी बना दिया. ओबीसी से उनके अधिकार छीन लिए, डाका डाल दिया. जब हाईकोर्ट का जजमेंट आया तो साफ हो गया कि इतना बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है. लेकिन उससे भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण ये है कि वोट बैंक की राजनीति के लिए अब वो न्यायपालिका का भी दुरुपयोग कर रहे हैं… ये स्थिति किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं हो सकती.’
आपके इशारे पर केजरीवाल-हेमंत सोरेन को जेल में डाला गया?
‘बेहतर होगा कि ये लोग संविधान पढ़ लें, देश के कानून पढ़ लें, मुझे किसी को कुछ कहने की जरूरत नहीं है.’
आप पर पर्सनल अटैक खूब हो रहे हैं?
‘जहां तक मोदी का सवाल है, मैं तो पिछले 24 साल से गालियां खा-खा कर गाली प्रूफ बन गया हूं. ‘मौत का सौदागर’ और ‘गंदी नाली का कीड़ा’ किसने कहा था? संसद में हमारे एक साथी ने हिसाब लगाया था, 101 गालियां गिनाई थीं. तो चाहे चुनाव हो या न हो, ये लोग (विपक्ष) मानते हैं कि गालियां देने का हक उनका ही है. और वे इतने हताश-निराश हो चुके हैं कि गालियां देना अपशब्द बोलना उनका स्वभाव बन गया है …’
कश्मीर में रिकॉर्डतोड़ वोटिंग पर आपकी क्या राय है?
‘मैं चाहूंगा कि कश्मीर की जो स्थिति बदली है, उसके संदर्भ में मैं सबसे पहले देश के न्यायतंत्र को प्रार्थना करना चाहता हूं. सरकार के काम करने की रणनीति होती है. उसके लिए कभी मुझे इंटरनेट बंद करना पड़ा, कोई NGO कोर्ट चला गया और कोर्ट में वे मुद्दा बन गया. भले मैंने कुछ समय के लिए इंटरनेट बंद किया था लेकिन आज वहां के बच्चे बहुत गर्व के साथ कहते हैं कि 5 साल से इंटरनेट बंद नहीं हुआ है. 5 साल से हमें सब सुविधाएं मिल रही हैं. कुछ दिन तकलीफ हुई लेकिन अच्छे काम के लिए हुई थी. जो ऐसे NGO हैं, जिन्होंने अदालतों के भरोसे लड़ाई शुरू की है, उनसे देश को बचाना बहुत जरूरी है. वहां का सामान्य मानवी जब मतदान करता है तो वह भारत के संविधान को गले लगाता है.’
आर्टिकल 370 को हटाने का यह नतीजा है?
‘आर्टिकल 370 सिर्फ 4-5 परिवारों का एजेंडा था. ये न तो कश्मीर के लोगों का एजेंडा था और न ही देश के लोगों का एजेंडा था. अपने फायदे के लिए उन्होंने 370 की दीवार बनाई थी. कहते थे कि 370 हटाओगे तो आग लग जाएगी… 370 हटेगी तो कश्मीर चला जाएगा. आज ये सच हो गया है कि 370 हटने के बाद और एकता का एहसास हो रहा है. कश्मीर के लोगों में अपनेपन की भावना बढ़ रही है और इसलिए इसका सीधा परिणाम चुनाव, पर्यटन में भी दिख रहा है…’
ओडिशा के विधानसभा चुनाव को किस तरह से देखते हैं?
’25 साल से ओडिशा में प्रगति नहीं हो रही है. सबसे बड़ी चिंता इस बात की है कि कुछ ऐसे लोगों की टोली है, जिसने पूरे ओडिशा की व्यवस्था पर कब्जा कर लिया है. ओडिशा अगर उन बंधनों से बाहर आएगा तो ओडिशा खिलेगा. ओडिशा के पास इतने प्राकृतिक संसाधन हैं, इतने समृद्ध राज्य में गरीब लोगों को देखकर दुख होता है. ओडिशा भारत के समृद्ध राज्यों में से एक है. बहुत अधिक प्राकृतिक संपदा है और ओडिशा भी भारत के गरीब लोगों के राज्यों में से एक है, इसलिए ओडिशा के लोगों को उनका अधिकार मिलना चाहिए इसके लिए सरकार जिम्मेदार है… ओडिशा का भाग बदलने वाला है… ओडिशा की वर्तमान सरकार की एक्सपायरी डेट 4 जून है.
बंगाल में कैसी है लड़ाई?
‘बंगाल के चुनाव में टीएमसी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. पिछले विधानसभा चुनाव में हम 3 (विधायक) थे और बंगाल की जनता ने हमें 80 (विधायक) पर पहुंचा दिया. हमें पिछले चुनाव में भारी बहुमत मिला था. इस बार पूरे हिंदुस्तान में बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट कोई होगा तो पश्चिम बंगाल होने वाला है. भाजपा को सर्वाधिक सफलता पश्चिम बंगाल में मिल रहा है. वहां का चुनाव एक तरफा है. जनता जनार्दन उसकी अगुवाई कर रही है. सराकर में बैठे लोग, टीएमसी के लोग बौखलाए हुए हैं. लगातार हत्याएं हो रही हैं, हमले हो रहे हैं. भाजपा कार्यकर्ताओं को चुनाव के पहले जेलों में बंद किया जा रहा है. सारे जुल्म के बाद भी जनता अधिक मतदान कर रही है.’