असद को अपनी आपराधिक विरासत सौंपना चाहता था अतीक अहमद
प्रयागराज. प्रयागराज का चर्चित उमेश पाल और दो सरकारी गनर शूटआउट मामले में नैनी सेंट्रल जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के दूसरे नंबर के बेटे अली अहमद का पुलिस ने बयान दर्ज किया है. अपने बयान में अली अहमद ने कई चौंकाने वाले खुलासे किये हैं. अली अहमद ने पुलिस को बताया कि उसके लाख मना करने के बावजूद माफिया अतीक अहमद ने अपने तीसरे नंबर के बेटे असद को वारदात में सीधे तौर पर शामिल कराया था.
अतीक अहमद ने कहा था कि उसके पांचो बेटे शेर हैं. वह अपने पांचो बेटों को अपनी तरह निडर और हिंसक बनाना चाहता था. अतीक अहमद ने जिद कर तीसरे नंबर के बेटे असद को वारदात में सीधे तौर पर शामिल कराया था. उमेश पाल को उनके घर के बाहर गली में दौड़ा कर असद ने ही नजदीक से कई गोलियां मारी थी. अली ने यह भी बताया कि उमेश पाल को मारने की साजिश पहले दो बार नाकाम हो गई थी. पहले एक बार शहर के धोबी घाट चौराहे के पास दोनों सरकारी गनर की आंख में मिर्च पाउडर का स्प्रे डालकर उमेश पाल को मारने की साजिश रची गई थी. इसके बाद जिला कचहरी के बाहर भी हमला करने की कोशिश की गई थी. हालांकि यह दोनों कोशिशें नाकाम साबित हुई थी.
अतीक चाहता था कि हत्या में असद खुद शामिल हो
अली ने बताया कि साजिश दो बार नाकाम होने के बाद ही वारदात में शामिल बमबाज गुड्डू मुस्लिम, पुलिस एनकाउंटर में मारा गया शूटर गुलाम अहमद और जेल में बंद यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र सदाकत ने अली अहमद से जेल में मुलाकात की थी. इन तीनों ने प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल जाकर अली अहमद से मुलाकात की थी. उमेश पाल शूटआउट केस से महज 11 दिन पहले अली अहमद से जेल में मिले थे यह तीनों लोग. जेल में मुलाकात के लिए जाने की सीसीटीवी तस्वीर पहले ही सामने आ चुकी है. अली अहमद ने अपने बयान में यह भी खुलासा किया कि वारदात में इस्तेमाल हुए हथियारों का इंतजाम उसके चाचा यानी अतीक अहमद के छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ ने कराया था. अशरफ बरेली जेल में रहते हुए साजिश में शामिल हुआ था. अशरफ भी यही चाहता था की अतीक अहमद का तीसरे नंबर का बेटा असद खुद वारदात में शामिल हो. अतीक और अशरफ ने असद को इसलिए वारदात में शामिल कराया था ताकि उसे अपराध की दुनिया में माफिया ब्रदर्स अपनी विरासत सौंप सके.
उमेश पाल हत्याकांड में परिवार के सभी लोग शामिल थे
सूत्रों के मुताबिक अली ने पुलिस को यह भी बयान दिया है कि वारदात की साजिश में परिवार के तकरीबन सभी सदस्य शामिल थे. उसके दो सबसे छोटे नाबालिग भाइयों ने आईफोन को एक्टिवेट कर उसमें फेसटाइम एप की आईडी क्रिएट की थी. आईफोन के जरिए ही अतीक अशरफ और वारदात में शामिल सभी बदमाश फेस टाइम पर आपस में बात किया करते थे.