अमेरिकी प्रतिबंधों से बौखलाया ड्रैगन, कहा- बदला लेने से पीछे नहीं हटेगा चीन, यूएस की ही भाषा में देगा जवाब
चीन ने अमेरिका को खुली चेतावनी दी है कि जिस तरह से उसने चीन के 14 अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया है, ठीक वैसे ही कदम वो भी उठाएगा और अमेरिका को जवाब देगा। चीन विदेश मंत्रालय की तरफ से अमेरिकी कदमों को गैरजरूरी बताया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुवा चुईंग ने कहा है कि चीन अमेरिका को जवाब देने से पीछे नहीं हटेगा। चीन की तरफ से ये भी कहा गया है कि वो अपने देश की सीमाओं और संप्रभुता की रक्षा करने में सक्षम है।
चीन की तरफ से ये बयान अमेरिका के उस फैसले के बाद आया है जिसके तहत चीन के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए ए हैं। अमेरिका का कहना है कि इन अधिकारियों ने चीन की सरकार के इशारे पर हांगकांग की स्वायत्तता को कमजोर करने की कोशिश की है। इन प्रतिबंधों की घोषणा अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने की थी।
आपको यहां पर ये भी बता दें कि चीन के अधिकारियों पर अमेरिकी प्रतिबंध का ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले अमेरिका ने चीन के मुस्लिम बहुल शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के मानवाधिकार हनन के मामले में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया था।
इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इससे पहले जब अमेरिका ने अपने यहां मौजूद चीन के काउंसलेट के अधिकारी को वापस भेजने का फैसला लिया था तब भी चीन ने अमेरिका को इसी भाषा में जवाब दिया था।
गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन में चीन और अमेरिका के संबंधों में जबरदस्त तल्खी देखने को मिली है। शुरुआत से ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन की वन चाइना पॉलिसी को आड़े हाथों लिया है। इसके अलावा व्यापार के मुद्दे पर भी दोनों देशों के बीच संबंध काफी खराब हुए हैं। बीते कुछ माह से अमेरिका ने चीन के प्रति बेहद सख्त रवैया अपनाते हुए न सिर्फ कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं बल्कि दूसरे देशों के साथ चीन को घेरने की भी पूरी कोशिश की है।
इससे पहले सितंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति ने देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चीन के लोकप्रिय सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक और वीचैट पर प्रतिबंध लगा दिया था। सितंबर में ही अमेरिका ने चीन के कॉटन, हेयर प्रोडक्ट, कंप्यूटर कंपोनेंट और कुछ टेक्सटाइल पर प्रतिबंध लगा दिया था। अमेरिका का आरोप था कि यहां पर लोगों से जबरन मजदूरी करवाकर उनका शोषण किया जाता है। इस शोषण का शिकार ज्यादातर उइगर मुस्लिम होते हैं। मई में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने करीब 1 हजार चीनी छात्रों और शोधकर्ताओं पर प्रतिबंध लगाते हुए अमेरिका में भविष्य के लिए उनकी एंट्री बैन कर दी थी।