अमेरिका से महज 120 किलोमीटर दूर रूस के जंगी पोत और परमाणु पनडुब्बी
नई दिल्ली: क्यूबा अपने टूरिज्म, कल्चर, वास्तुकला और कई ऐतिहासिक स्मारकों के लिए मशहूर है. लेकिन अब इस इस देश के इर्द-गिर्द कोल्ड वॉर का खतरा मंडराने लगा है. अमेरिका से मजह 120 किलोमिटर दूर रूसी जंगी पोत और परमाणु पनडुब्बी नजर आया है. बुधवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का बेशकीमती जंगी पोत गोर्शकोव क्यूबा पहुंचा. इसके बाद अगल-अलग तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
CNN की रिपोर्ट के अनुसार एडमिरल गोर्शकोव फ्रिगेट क्यूबा तीन दिनों के लिए जनता के लिए पर्यटन की पेशकश करेगा. इससे लोगों को संदेह पैदा हो रहा है कि आकिर रूसी जंगी जहाज क्यूबा की तटों पर इतने दिनों के लिए आम लोगों के लिए क्यों खोला जाएगा. बता दें कि गोर्शकोव रूसी बेड़े के सबसे आधुनिक जहाजों में से एक है, जो 6,000 मील प्रति घंटे से ज़्यादा की रफ़्तार से हाइपरसोनिक मिसाइल दागने में सक्षम है.
गहरा रहा शक
रिपोर्ट के अनुसार क्यूबा के एक नागरिक ने कहा कि ‘क्यूबा में रहने के बारह सालों में, मैंने हर तरह की लाइनों में इंतज़ार किया है. खाना खरीदने के लिए लाइनें, बिलों का भुगतान करने के लिए लाइनें, सिर्फ़ इसलिए लाइनें क्योंकि लोग किसी ऐसी चीज़ के लिए लाइन में लगे थे जिसके लिए शायद लाइन में लगना ज़रूरी हो. लेकिन अब मैं किसी अप्रत्याशित चीज़ के लिए लाइन में खड़ा था: हवाना के बंदरगाह में डॉक किए गए एक रूसी युद्धपोत पर सवार होने के लिए. जब एक रूसी राजनयिक ने मुझे बताया कि गुरुवार से एडमिरल गोर्शकोव फ्रिगेट तीन दिनों के लिए जनता के लिए पर्यटन की पेशकश करेगा, तो मुझे कुछ संदेह हुआ.’
बुधवार को जब रूसी जंगी जहाज गोर्शकोव क्यूबा पहुंचा, तो उसे 21 तोपों की जोरदार सलामी दी गई. क्यूबा के लोगों ने रूसी जंगी जहाज को 18वीं सदी के किले से तोपों से सलामी दिया, जो बंदरगाह के ऊपर था, जिसे स्पेनियों ने शहर को समुद्री डाकुओं से बचाने के लिए बनाया था. गोर्शकोव के साथ एक बचाव टग, एक फ्यूल जहाज और कज़ान, एक शानदार परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी आई थी.