25 November, 2024 (Monday)

हारे हुए गेम को जीता हुआ बताते, 500 से फंसाने की शुरुआत…फिर लाखों की लगाते चपत

गोपालगंज. देशभर में प्रतिबंधित ‘महादेव ऐप’ से ऑनलाइन ठगी करनेवाले साइबर अपराधियों के ठिकानों पर गोपालगंज पुलिस की कार्रवाई जारी है. एसपी स्वर्ण प्रभात द्वारा गठित पुलिस टीम ने 24 घंटे में यूपी-बिहार के 18 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किये गये साइबर अपराधियों द्वारा गोपालगंज के बरौली में साइबर फ्रॉड का सेंटर चलाया जा रहा था. पुलिस ने इनके पास से लैपटॉप, टैब, मोबाइल, पासबुक, विभिन्न बैंकों के एटीएम कार्ड, भारतीय व इंटरनेशनल सिमकार्ड बरामद किया है.

गिरफ्तार अपराधियों में सीवान जिला के जामो थाना क्षेत्र के जियादी टोला निवासी उमाशंकर यादव का पुत्र प्रमेंद्र यादव, सीवान के धनौती थाना क्षेत्र के पटेल मोड निवासी रूदल साह के पुत्र मोहित कुमार, सीवान के नौतन थाने के पचलखी निवासी परशुराम सिंह के पुत्र जीतू कुमार, थावे थाना क्षेत्र के मठ गौतम निवासी सुभाष सिंह के पुत्र नवनीत कुमार, विद्या राम के पुत्र अंशु कुमार और मीरगंज थाना क्षेत्र के सबेया गांव निवासी मुठी सहनी के पुत्र शैलेश कुमार शामिल हैं. छापेमारी में सदर अंचल के इंस्पेक्टर हरेंद्र प्रसाद, बरौली थानाध्यक्ष जयहिंद यादव, महम्मदपुर थानाध्यक्ष अमित कुमार साह आदि शामिल थे.

एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि इसके पहले नगर थाना क्षेत्र के भितभेरवा गांव में विक्की गुप्ता के मकान में छापेमारी कर साइबर सेंटर चलाने का पुलिस ने खुलासा किया और ‘महादेव ऐप’ से ऑनलाइन ठगी करनेवाले 12 साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी की. पुलिस को इनपुट मिलने के बाद बरौली थाने के बरौली में कार्रवाई की गयी. पुलिस टीम की छापेमारी जारी रखी गयी है. एसपी ने कहा कि साइबर अपराधियों पर पुलिस का अभियान लगातार जारी रखा जायेगा.

बरौली में क्या-क्या हुआ बरामद
बरौली में पुलिस ने छापेमारी के दौरान दो लैपटॉप, दो टैब, पांच विभिन्न बैंकों के एटीएम कार्ड, विभिन्न कंपनियों के 11 भारतीय सिमकार्ड व दो इंटरनेशनल सिमकार्ड, एक पैन कार्ड, दो आधार कार्ड, नौ चार्जर, 18 एंड्रॉयड मोबाइल, एक पासपोर्ट बरामद किया गया है. पुलिस ने बरामद सिमकार्ड और मोबाइल व एटीएम कार्ड से कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है.

विक्की को नहीं पकड़ सकी पुलिस
नगर थाने के भितभेरवा गांव में यूपी-बिहार के साइबर अपराधियों को अपने मकान में पनाह देकर अकूत संपत्ति अर्जित करनेवाले विक्की गुप्ता को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है. वह अभी भी अपनी दुकान और मकान पर आकर रेकी करते हुए पाया गया है. पुलिस ने उसके पिता या अन्य सदस्यों से भी पूछताछ नहीं की है. हालांकि, एसपी ने साफ कहा कि मकान मालिक को भी बख्शा नहीं जायेगा. साइबर क्राइम से अर्जित किये गये संपत्ति की जांच कराकर जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी.

भारत में बैन है ‘महादेव एप’
एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि ‘महादेव’ गेमिंग ऐप को भारत सरकार ने बैन लगा रखा है. यह प्रतिबंधित एप की सूची में शामिल है. मास्टरमाइंड दुबई में बैठकर साइबर क्राइम के जरिये करोड़ रुपए की ऑनलाइन ठगी करता है. इसके अलावा इस ऐप से नेपाल व थाइलैंड में बैठे अन्य आरोपी भी लोगों से ठगी कर रहे हैं. इस गेम में मिले अन्य बैंक अकाउंट के बारे में पता पुलिस लगा रही है. इस गेम का नेटवर्क नेपाल, बांग्लादेश व श्रीलंका समेत कई देशों में फैला हुआ है. एसपी ने कहा कि गिरोह के अन्य आरोपियों को जल्द पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है, उन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

‘महादेव एप’ से ऐसे देते थे झांसा
गोपालगंज पुलिस ने साइबर अपराधियों से पूछताछ किया तो बड़ा खुलासा हुआ. गिरफ्तार साइबर अपराधियों ने पुलिस को बताया कि वे एप के जरिये कैसे ऑनलाइन ठगी करते हैं. गोपालगंज के भितभेरवा और बरौली में पिछले करीब तीन महीने से फर्जी ऑनलाइन गेमिंग फ्रॉड का संचालन हो रहा था. ‘महादेव ऐप’ के माध्यम से ये आरोपी लोगों को अपने झांसे में लेकर लाखों रुपए की ठगी करते थे. इसके साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से संपर्क बनाकर गेम खेल कर पैसे कमाने का झांसा देते थे. मुख्य सरगना दुबई में बैठकर ऐप को ऑपरेट करता है.

500 रुपये से गेम की शुरुआत
पुलिस के अनुसार, इस गेम की शुरुआत 500 रुपये से शुरू होती है. कस्टमर को हारे हुए गेम को जीता हुआ दिखा कर उनका पैसा करके भेजा भेज दिया जाता था. जिसकी वजह से लोग इनके झांसे में आने लगे और लाखों रुपए गेम में लगाने लगे. अगर अमाउंट एक लाख रुपये से अधिक गेम में हो जाता था तो ये लोग खेल रहे कस्टमर अकाउंट ब्लॉक कर पैसों का ट्रांसजेक्शन कर लिया करते थे. गोपालगंज के अलावा बिहार-यूपी में इनका नेटवर्क मजबूत था और अबतक सैकड़ों लोगों को चुना लगाकर ठगी का शिकार बना चुके हैं.

 

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