चुनावी मौसम में मोदी 3.0 के ‘100 दिन का प्लान’ के लिए किस तरह पसीना बहा रहे अफसर?
नई दिल्ली. जहां राजनेता चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं, वहीं राजधानी दिल्ली में शीर्ष नौकरशाह अगली सरकार के लिए ‘100 दिवसीय कार्य योजना’ तैयार करने में आधी रात को पसीना बहा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 मार्च को उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी है. सरकार के सभी सचिवों को 10 क्षेत्रीय समूहों का हिस्सा बनाया गया है और वे 6 सूत्रीय योजना पर काम कर रहे हैं. मई के अंत तक ब्लूप्रिंट को अंतिम रूप देने के लिए कैबिनेट सचिव के सामने प्रेजेंटेशन भी दिया जा रहा है. सप्ताहांत और अवकाश पर भी काम किया जा
सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी ने 3 मार्च को सभी सचिवों के साथ 9 घंटे की लंबी बैठक की और कहा, ‘यह चुनाव अलग होगा…चुनाव के बावजूद नियमित काम जारी रहेगा…चुनावी मौसम के बावजूद नौकरशाही निरंतरता महसूस करती है.’ उन्होंने अधिकारियों से कहा कि उनकी सरकार के तहत नौकरशाह भूल गए थे कि रविवार क्या होता है और उन्हें बड़ा सोचने के लिए भी कहा. पीएम ने नौकरशाहों से कहा कि जब मैं जून में वापस आऊंगा तो 100-दिवसीय और 5-वर्षीय योजना की समीक्षा करूंगा और पीएम की समीक्षा पूरी होने के बाद जून के तीसरे सप्ताह तक योजनाओं को समझाने के लिए सभी मुख्यमंत्रियों के साथ नीति आयोग की बैठक बुलाए जाने की उम्मीद है.
पहले 100 दिनों का दृष्टिकोण प्रौद्योगिकी अपनाने, डिजिटल सशक्तीकरण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर उच्च नागरिक-सशक्त सरकार की ओर बढ़ रहा है. 100-दिवसीय योजना के लिए सचिवों द्वारा पहचाने गए 6 बिल्डिंग ब्लॉक हैं- मैक्रोइकोनॉमी, सशक्त नागरिक, संपन्न और टिकाऊ अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और नवाचार नेतृत्व, प्रभावी शासन और विश्वबंधु के रूप में भारत. पहले 100 दिनों में फोकस नागरिकों के अधिक सशक्तीकरण, संस्थानों को मजबूत करने, स्पष्ट रूप से परिभाषित लक्ष्य और लक्ष्य, डेटा-संचालित शासन और नियमों की समीक्षा पर होने की उम्मीद है.
कुछ प्रमुख कदम नागरिकों के अनुपालन बोझ को कम करने के लिए कानूनों की समीक्षा करने के लिए ‘जन विश्वास 2.0’ कदम, पेपर लीक विरोधी विधेयक को लागू करना, सेवाओं का नया अधिकार विधेयक शामिल हैं. सभी नागरिक सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी के लिए नया सिस्टम तैयार करना, ई-पासपोर्ट के एक पायलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ, जिला और अधीनस्थ अदालत के मामलों के 100 करोड़ पृष्ठों का डिजिटलीकरण, उत्तर-पूर्व के लिए 4,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी, 6 नए विदेशी मिशन और दो वाणिज्य दूतावास और जल्द ही आयोजित होने वाले एक वैश्विक मीडिया और मनोरंजन शिखर सम्मेलन की घोषणा.
9 घंटे तक बैठक
एक सूत्र ने बताया कि कई लोगों ने सोचा था कि पीएम के साथ 3 मार्च की बैठक सरकार के दूसरे कार्यकाल के लिए एक ‘विदाई बैठक’ थी, लेकिन मोदी लगभग 9 घंटे तक सचिवों के साथ और फिर मंत्रिपरिषद के साथ बैठे. साल 2019 में मोदी द्वारा 100-दिवसीय योजना का अभ्यास भी किया गया था, लेकिन सूत्रों ने बताया कि वर्तमान अभ्यास अलग है, क्योंकि एजेंडा को उच्च स्तर पर पेश किया गया है. एक सूत्र ने कहा, ‘100-दिवसीय योजना 5-वर्षीय योजना में शामिल है, जो बदले में विजन 2047 का हिस्सा है. मोदी सरकार बड़े पैमाने पर काम कर रही है.’
तमिल भाषा पर भी बात
सूत्र ने बताया कि प्रधानमंत्री ने यह भी पूछा है कि क्या अब अधिक एकल परिवारों और अकेले रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों के पहलू में देश की बदलती जनसांख्यिकी का अध्ययन करने के लिए एक समिति बनाई जा सकती है? यह भी सुझाव दिया गया है कि केंद्र सरकार का आधिकारिक पत्राचार अंग्रेजी और हिंदी के अलावा तमिल में भी हो, क्योंकि प्रधानमंत्री ने हाल ही में एक साक्षात्कार में तमिल को बढ़ावा देने की बात कही है. पीएम मोदी ने अधिकारियों से उत्तर-पूर्व पर ध्यान केंद्रित रखने, क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने और वैश्विक संस्थानों में देश की भागीदारी बढ़ाने को भी कहा है. नई सरकार के पहले 100 दिनों में आईएएस प्रशिक्षण और कैडर आवंटन नियमों की व्यापक समीक्षा होने की संभावना है. पीएम मोदी का मुख्य जोर सरकारी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए संतुष्टि दृष्टिकोण पर है.
महिलाओं को प्राथमिकता
कुछ महत्वपूर्ण विषय जिन पर 100-दिवसीय योजना तैयार की जा रही है वे हैं ‘महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास’, ‘अस्तित्व से परे हरित अर्थव्यवस्था’, ‘जीवंत सामाजिक-आर्थिक केंद्र के रूप में शहर समूह’ और ‘भारत दुनिया के लिए स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र बन रहा है’. सत्ता में आने पर मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में राष्ट्रीय मुकदमेबाजी नीति पर भी काम करेगी. इटली के साथ प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर करेगी और डीडी न्यूज और प्रसार भारती के सुधार पर पर भी काम किया जाएगा.