23 November, 2024 (Saturday)

चीन की मदद से सीमा पर पाकिस्तान क्या कर रहा, सामने आए खतरनाक इरादे

नई दिल्‍ली/कुपवाड़ा. चीन बीते तीन साल से जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर पाकिस्तान के लिए रक्षा सहयोग लगातार बढ़ा रहा है. चीन जम्‍मू-कश्‍मीर से लगती सीमा पर लोहे से ढके बंकरों का निर्माण कर रहा है. पाकिस्‍तान के लिए मानव रहित लड़ाकू हवाई उपकरणों की तैनाती भी की जा रही है. इसके अलावा चीन LoC पर अत्यधिक गोपनीय कम्‍यूनिकेशन टावर्स की स्थापना और अंडरग्राउंड फाइबर केबल बिछाने में भी मदद कर रहा है. चीन मूल की उन्नत रडार प्रणाली, जैसे ‘जेवाई’ और ‘एचजीआर’ को मध्यम और कम ऊंचाई वाले लक्ष्य का पता लगाने की क्षमताएं बढ़ाने के लिए तैनात किया गया है, जिससे सेना और वायु रक्षा इकाइयों को महत्वपूर्ण खुफिया सहायता मिलती है. चीनी कंपनी की बनाई 155 एमएम होवित्जर तोप एसएच-15 की मौजूदगी भी LoC से लगते विभिन्न स्थानों पर देखी गई है.

इस कदम को चीन के पाकिस्तान के साथ संबंधों को मजबूत बनाने और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में विशेष रूप से चाइना पाकिस्‍तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) को लेकर हुए निवेश की सुरक्षा के प्रयासों के तौर पर देखा जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि हालांकि अग्रिम चौकियों पर साल 2014 की तरह चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी नहीं मिली है, लेकिन कुछ सुरागों से पता चला है कि चीनी सैनिक और इंजीनियर LoC पर भूमिगत बंकरों के निर्माण समेत बुनियादी ढांचे बना रहे हैं. अधिकारियों कहा कि चीनी विशेषज्ञ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) की लीपा घाटी में सुरंग निर्माण में लगे हैं, जिससे काराकोरम राजमार्ग से जुड़ने वाली एक ऑल वेदर सड़क के निर्माण के संकेत मिल रहे हैं.

LoC पर बड़ा षड्यंत्र

  • 3 साल से जम्‍मू-कश्‍मीर बॉर्डर पर चीन एक्टिव है.
  • LoC पर चीन निर्मित होवित्‍जर तोप तैनात किए गए.
  • CPEC को सफल बनाने की कोशिश में जुटा है चीन.
  • PoK की लीपा घाटी में चीन सुरंग का निर्माण कर रहा है.
  • शिनजियांग प्रांत को ग्‍वादर पोर्ट से जोड़ने की कोशिश चल रही है

CPEC को लेकर चीन की प्‍लानिंग
यह रणनीतिक कदम चीन की महत्वाकांक्षी 46 अरब डॉलर की CPEC परियोजना से जुड़ा है, जिसका लक्ष्य चीन के अवैध कब्जे वाले क्षेत्र काराकोरम राजमार्ग के जरिए पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह और चीन में शिनजियांग प्रांत के बीच एक सीधा मार्ग स्थापित करना है. साल 2007 में एक चीनी टेलीकॉम कंपनी ने एक पाकिस्तानी टेलीकॉम कंपनी का अधिग्रहण कर लिया था और चाइना मोबाइल पाकिस्तान (सीएमपैक) का गठन किया था. यह चाइना मोबाइल कम्युनिकेशंस कॉर्पोरेशन की 100 प्रतिशत स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है.

पाकिस्‍तान में मोबाइल सेवा का विस्‍तार
अगस्त 2022 में पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) ने पीओके के लिए सीएमपैक (जोंग) के मोबाइल लाइसेंस को नवीनीकृत करते हुए क्षेत्र में अगली पीढ़ी की मोबाइल सेवाओं (एनजीएमएस) का विस्तार करने की अनुमति दी थी. हालांकि, भारतीय सेना ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है, लेकिन खुफिया एजेंसियों को कथित तौर पर घटनाक्रम की जानकारी दी जा रही है. क्षेत्र में चीनी सैन्यकर्मियों की निरंतर उपस्थिति ने चिंताएं बढ़ा दी हैं, तथा भारत ने अतीत में गिलगिट और बाल्टिस्तान क्षेत्रों में चीनी गतिविधियों पर आपत्ति जताई थी. अधिकारियों ने बताया कि तनाव बरकरार रहने के बावजूद भारत सतर्क है और सीमा पार से आने वाले किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए तैयार है.

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