कोविड-19 के संक्रमण से बचे रहने के लिए त्योहार के दौरान बरतें ये खास एतिहात
कोविड-19 के प्रभाव से दुनियाभर में लोग प्रभावित हैं ऐसे में हल्की सी भी चूक आपको भी इसका शिकार बना सकती है तो बचे रहने के लिए जितना हो सके एतिहात बरतें। दिवाली का त्योहार पूरे भारत में हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है और ये त्योहार एक दिन नहीं, बल्कि चार-पांच दिनों तक सेलिब्रेट किया जाता है। तो ऐसे में कोविड-19 का संक्रमण न करें आपके त्योहार की रौनक को फीका, इसलिए जरूरी है कुछ बातों का खास ध्यान रखना।
दिन की प्लानिंग बनाएं
फेस्टिवल के दौरान घर में मेहमानों का आना-जाना लगा रहता है और कई बार तो मेहमान बिना बताए भी आ जाते हैं और जल्दबाजी में हम कोविड से बचाव के एतिहात बरतना ही भूल जाते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि आप इसकी तैयारियां पहले से ही कर के रखें, जैसे- उनके आते ही सैनिटाइजर दें, उन्हें कहां बिठाना है, क्या शेयर करना है और क्या नहीं, अपना मास्क कहां से लेना है और कुछ एक्स्ट्रा मास्क भी रखना है आदि। और ये तैयारियां सिर्फ होस्ट को ही नहीं, बल्कि मेहमानों को भी कुछ बातों का ध्यान रखना है, जैसे- सरप्राइज विजिट की कोई जरूरत नहीं। भले ही आप जहां जा रहे हैं वहां सैनिटाइजेशन, मास्क हर एक चीज़ की व्यवस्था हो लेकिन आप खुद से भी इसकी तैयारी कर के जाएं।
मास्क है सुरक्षा कवच
परिवार वालों से मिल रहे हैं तो बेफ्रिक होकर रहने की जररूत नहीं। मास्क ही इस वक्त आपका सुरक्षा कवच है जो कोरोना संक्रमण से न सिर्फ आपको बल्कि आपके करीबियों को भी बचा सकता है। हाल-फिलहाल जिस तरह के कोरोना का प्रकोप एक बार फिर से बढ़ने लगा है ऐसे में छोटी सी भी लापरवाही भारी पड़ सकती है। दीवाली के छुट्टियों में अगर आप काफी वक्त बाद घर जा रहे हैं तो ऐसे में ये चीज़ और भी ज्यादा जरूरी हो जाती है। त्योहार को खुशी और सेफ्ली मनाने के लिए मास्क के साथ थोड़ी-थोड़ी देर में हाथ भी धोते रहें।
सोशल डिस्टेंसिंग है जरूरी
दिवाली अकेले घर में मनाना कहां पॉसिबल है। इसका मजा तो भई दोस्तो और परिवार के साथ ही आता है। बिल्कुल सही है ये बात, लेकिन इस साल सिचुएशन पहले जैसी नहीं है। कोरोना संक्रमण के साथ प्रदूषण भी चरम पर है तो अपने साथ आपको अपने चाहने वालों का भी ख्याल रखना है। ऐसे में अगर आप मिलने का प्लान बना ही रहे हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूर करें। छोटी जगहों पर भीड़ लगाने से संक्रमण के बढ़ने का खतरा भी उतना ही ज्यादा रहता है।
बाहर खाने-पीने का आइडिया नहीं है सही
बेशक हर बार दिवाली के मौके पर पूरी फैमिली के साथ आप रेस्टोरेंट या होटल जाकर डिनर करते थे और गपशप करते थे लेकिन इस बार इस आइडिया को भी ड्रॉप कर देने में ही भलाई है। क्योंकि खाना बनाने वाले से लेकर परोसने वाले तक आपको नहीं पता वो सेफ हैं या नहीं। खाना बनाने के दौरान कई सतहों पर स्पर्श होता है जिनपर कोरोना वायरस के होने की संभावना रहती है।
अपनाएं मिलने का अलग तरीका
हाथ मिलाकर, गले लगाकर अपनेपन का एहसास तो होता है इसमे दो राय नहीं, लेकिन इस बार इस परंपरा को फॉलो न करने में ही भलाई है। किसी से भी इस अवसर पर मिले तो हाथ जोड़कर ही उनका अभिवादन करें।
ध्यान से इस्तेमाल करें सैनिटाइजर्स
अगर आप इस बात को नहीं जानते तो जान लें। सैनिटाइजर्स को आग के आसपास बिल्कुल भी न इस्तेमाल करें इससे आग लगने की पूरी-पूरी संभावना रहती है। दिवाली की सजावट ज्यादातर दीये और मोमबत्तियों से ही होती है। ऐसे में उनके आसपास सैनिटाइजर्स ले जाना किसी बड़ी दुर्घटना को दावत देना ही होगा।