संकट में भारत को पुराने ‘साथी’ का सहारा, दवाइयां-वेंटिलेटर व ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लेकर भारत आए 2 रूसी विमान
कोरोना वायरस के संकट से भारत बुरी तरह प्रभावित है। कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से देश ऑक्सीजन से लेकर वेंटिलेटर की कमी से जूझ रहा है। ऐसे संकट के वक्त में एक बार फिर से भारत की मदद के लिए उसका सबसे पुराना साथी रूस सामने आया है। भारत की मदद के लिए दवाइयां, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर समेत अन्य सामान लेकर रूस के दो विमान दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे हैं। इस बात की जानकारी सेंट्र बोर्ड ऑफ इंडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स ( सीबीआईसी) ने दी है।
समचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सीबीआईसी ने बताया है कि आज सुबह रूस से दो विमान दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे हैं, जिनमें 20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 75 वेंटिलेटर, 150 बेडसाइड मेडिकल मॉनिटर, 22 मिलिनय टन दवाएं शामिल हैं। एयर कार्गो और दिल्ली कस्टम के स्टाफ इसके क्लीयरेंस को लेकर काम कर रहे हैं।
कोरोना वायरस के संकट से भारत बुरी तरह प्रभावित है। कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से देश ऑक्सीजन से लेकर वेंटिलेटर की कमी से जूझ रहा है। ऐसे संकट के वक्त में एक बार फिर से भारत की मदद के लिए उसका सबसे पुराना साथी रूस सामने आया है। भारत की मदद के लिए दवाइयां, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर समेत अन्य सामान लेकर रूस के दो विमान दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे हैं। इस बात की जानकारी सेंट्र बोर्ड ऑफ इंडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स ( सीबीआईसी) ने दी है।
समचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सीबीआईसी ने बताया है कि आज सुबह रूस से दो विमान दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे हैं, जिनमें 20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 75 वेंटिलेटर, 150 बेडसाइड मेडिकल मॉनिटर, 22 मिलिनय टन दवाएं शामिल हैं। एयर कार्गो और दिल्ली कस्टम के स्टाफ इसके क्लीयरेंस को लेकर काम कर रहे हैं।
बता दें कि भारत के लिए मानवीय सहायता लेकर रूस से दो विमान 28 अप्रैल को चले थे। दोनों विमान रात में मॉस्को के समीप जुकावस्की हवाई अड्डे से रवाना हुए थे। हवाई अड्डा के प्रवक्ता ने बताया कि पहले विमान ने स्थानीय समयानुसार पांज बजे उड़ान भरी जबकि दूसरा विमान करीब आठ बजे भारत के लिए रवाना हुआ था। रूस ने पहले ही भारत को 22 टन से अधिक कोविड-19 निरोधक उपकरण और दवाएं देने की प्रतिबद्धता जतायी थी।
बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि हमारी सशक्त रणनीतिक साझीदारी को और गति देने के लिए राष्ट्रपति पुतिन एवं मैंने हमारे विदेश एवं रक्षा मंत्रियों के बीच टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय संवाद प्रणाली स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की है। साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ बातचीत में कोविड की स्थिति पर चर्चा की और रूस की ओर से मिलने वाली मदद के लिए पुतिन को धन्यवाद दिया।