22 November, 2024 (Friday)

यूपी में बुरी गत से बीजेपी खस्ताहाल , इस सीट पर 74686 वोटों से मिली जीत गम गलत करेगी

त्रिशूर. लोकसभा चुनाव में भले ही बीजेपी अपने दम पर बहुमत पाने में विफल रही हो, लेकिन बीजेपी उस राज्य में अपनी पैठ बनाने में सफल रही है, जिसने अपने पूरे इतिहास में लोकसभा चुनावों में उसे नकार दिया है. राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सुरेश गोपी ने भगवा पार्टी के लिए त्रिशूर लोकसभा सीट जीती, जिससे केरल में पार्टी का खाता खुल गया. सीपीएम के वीएस सुनीलकुमार और कांग्रेस के.के. मुरलीधरन जैसे दो मजबूत उम्मीदवारों के खिलाफ गोपी 74,686 वोटों से सीट जीतने में सफल रहे. एग्जिट पोल ने भी अभिनेता गोपी की जीत की भविष्यवाणी की थी, लेकिन उनके प्रतिद्वंद्वियों ने कहा था कि ऐसा नहीं होगा. उन्हें इतिहास से भी समर्थन मिला था.

सुरेश गोपी ने 2019 में भी इस सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वे तीसरे स्थान पर रहे थे. वह कांग्रेस के टीएन प्रतापन से 1.2 लाख वोटों के अंतर से हार गए थे. उन्होंने 2021 में त्रिशूर विधानसभा क्षेत्र से भी चुनाव लड़ा था. मगर वह फिर से तीसरे स्थान पर रहे, लेकिन 4,000 से कम वोटों के अंतर से हारे. उन्होंने 2016 और 2022 के बीच राज्यसभा में अपने कार्यकाल के दौरान भी त्रिशूर सीट पर ध्यान केंद्रित किया, जिसका अंततः उन्हें लाभ मिला.

2022 में अभिनेता गोपी को लेकर एक विवाद खड़ा हो गया था, जब उन्होंने विशु के फसल उत्सव के दौरान उपहार के तौर पैसे बांटे थे. वह एक कार से पैसे बांट रहे थे, जबकि महिलाओं सहित वहां मौजूद लोगों ने उनका आशीर्वाद लेने के लिए उनके पैर छुए. लोगों से अपने पैर छूआने के लिए अभिनेता सुरेश गोपी की आलोचना की गई थी. लेकिन उन्होंने इसे खारिज कर दिया और दावा किया कि उनका यह कार्य अच्छे इरादों से प्रेरित थे.

हाल ही में एक महिला पत्रकार द्वारा दर्ज कराया गया उत्पीड़न का मामला भी उनके सामने एक एक चुनौती था. साथ ही अभिनेता और उनके परिवार द्वारा त्रिशूर के एक गिरजाघर को सोने का मुकुट चढ़ाने के बाद पैदा हुआ विवाद भी हुआ था. हालांकि गोपी को भाजपा के शीर्ष नेताओं से समर्थन मिलता रहा और जनवरी में उनकी बड़ी बेटी की शादी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए. त्रिशूर के लोगों के प्रति आभार जताते हुए अभिनेता ने कहा कि उन्हें जीतने के लिए संघर्ष करना पड़ा और धारा के खिलाफ तैरना पड़ा. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को अपना ‘राजनीतिक भगवान’ कहा.

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