मौत से घिरे थे रईसी, ईरान ने मांगी मदद, पर नहीं हिला अमेरिका
वाशिंगटन: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी जब अजरबैजान के जंगलों में मौत से घिरे थे, तब ईरान ने अमेरिका से मदद की गुहार लगाई थी. मगर तब अमेरिका ने उनके हेलिकॉप्टर को खोजने से इनकार कर दिया था. हालांकि, अब अमेरिका ने मदद न देने के पीछे की वजह बताई है. अमेरिका ने कहा कि रईसी के हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद ईरान की मदद कर पाने में वह लॉजिस्टिक्स कारणों (सैन्य कारण) की वजह से असमर्थ था. हालांकि, रईसी की मौत पर अमेरिका ने अपनी संवेदना व्यक्त की. ईरान ने अमेरिका से मदद मांगी थी, इसका खुलासा स्टेट डिपार्टमेंट ने न्यूज ब्रीफिंग में किया.
प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने रिपोर्टर्स से कहा, ‘हमसे ईरानी सरकार ने सहायता मांगी थी. हमने उन्हें स्पष्ट कर दिया कि हम सहायता की पेशकश करेंगे, जैसा कि हम इस तरह की स्थिति में किसी विदेशी सरकार के अनुरोध के जवाब में करते हैं. मैं विस्तृत जानकारी नहीं दूंगा, मगर ईरानी सरकार ने हमसे सहायता मांगी थी. मगर हम सैन्य कारणों की वजह से ईरान की मदद कर पाने में असमर्थ थे.’ मिलर ने आगे कहा कि हम किसी को हेलिकॉप्टर क्रैश में मरते हुए नहीं देखना चाहते.
अमेरिका ने क्या दलील दी
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मिलर ने कहा, ‘मुझे कुछ चीजें कह लेने दीजिए. हम इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि हेलिकॉप्टर हादसे में मारे गए ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ‘लगभग चार दशक तक ईरानी लोगों के दमन में एक क्रूर भागीदार थे. उनके कार्यकाल के दौरान कुछ सबसे बुरे मानवाधिकार हनन हुए.’ उन्होंने आगे कहा इसमें 1988 का वह क्रूर हत्याकांड भी शामिल है, जिसमें रईसी ने राजनैतिक विरोध में हजारों कैदियों को सामूहिक रूप से फांसी की सजा दी थी.
यहां बताना जरूरी है कि अमेरिका और ईरान एक दूसरे के कट्टर जानी दुश्मन हैं. जब ईरान ने बीते दिनों इजरायल पर हमला किया था और ताबड़तोड़ सैकड़ों रॉकेट-मिसाइलें दागी थीं, तब अमेरिका ने ही इजरायल की मदद की थी. अमेरिका ईरान को किस कदर अपना दुश्मन मानता है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका दशकों से ईरान पर प्रतिबंध लगाए हुए है. अमेरिका ने अपने प्रभाव से यूरोपीय प्रतिबंध भी लगवा रखा है. ऐसे में अमेरिका ने ईरान की मदद क्यों नहीं की होगी, यह समझने में किसी को शायद ही कोई दिक्कत होगी