मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर CBI का चौंकाने वाला बयान
नई दिल्ली. दिल्ली शराब घोटाले के मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसादिया ने राउस एवेन्यू कोर्ट में जमानत के लिए याचिका लगाई है. ट्रायल कोर्ट के समक्ष सिसोदिया की याचिका पर सीबीआई की तरफ से अपना जवाब दाखिल किया गया. सीबीआई ने मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी का विरोध किया. सीबीआई ने कहा कि अधिकारियों की वजह से देरी नहीं हो रही है, उचित प्रक्रिया अपनाई जा रही है और इस मामले में जांच बहुत ही महत्वपूर्ण चरण में है.
सीबीआई ने कहा कि मामले में कुछ हाई प्रोफाइल लोगों को भी गिरफ्तार किया जा सकता है. सीबीआई ने कहा कि सिसोदिया पूरी साजिश के मुख्य आरोपी और सरगना हैं. सिसोदिया का संवेदनशील दस्तावेजों और सबूतों से सामना कराया गया है और वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं. जिस दिन केस दर्ज किया गया था उसी दिन पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने अपना फोन नष्ट कर दिया था. राउज ऐवन्यू कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 22 मार्च को होगी.
सिसोदिया ने लगाई थी क्यूरेटिव पिटीशन
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से मनीष सिसोदिया को तगड़ा झटका लगा था. दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धनशोधन के मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व डिप्टी सीएम सिसोदिया की उन क्यूरेटिव पिटीशन (सुधारात्मक याचिका) को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्हें जमानत देने से इनकार करने के न्यायालय के पिछले साल 30 अक्टूबर को दिए फैसले को चुनौती दी गई है.
सीजेआई ने नहीं दी थी राहत
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने मनीष सिसोदिया की याचिकाओं पर खुली अदालत में सुनवाई करने की अर्जी भी खारिज कर दी. पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी भी शामिल हैं. सुधारात्मक याचिका सुप्रीम कोर्ट में अंतिम कानूनी उपाय है और आम तौर पर इस पर कक्ष में ही सुनवाई की जाती है, जब तक कि फैसले पर पुनर्विचार के लिए प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता है.