24 November, 2024 (Sunday)

भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद की बैठक में जरूरी दिशा-निर्देश

सिद्धार्थनगर  जिलाधिकारी दीपक मीणा की अध्यक्षता में बुधवार की देर शाम भूगर्भ जल प्रबन्धन परिषद के सदस्यांे, सचिव की बैठक विकास भवन सभागार में हुई।

बैठक में जिलाधिकारी द्वारा जनपद में भूजल संशाधन की सुरक्षा, संरक्षण, प्रबन्धन एवं नियमन के प्रति भूजल की उपलब्धता समान रूप से निरन्तर बने रहने और जनमानस को गुणवत्ता परक जलापूर्ति सुनिश्चित किए जाने हेतु सदस्यों को राज्य भूगर्भ जल प्रबन्धन एवं विनियामक प्राधिकरण के अनुसार कार्यवाही कराने का निर्देश दिया गया। डीएम ने कहा सभी ड्रिलिंग एजेन्सी को पंजीकरण कराना अनिवार्य है। बिना पंजीकरण केे कोई ड्रिलिंग का कार्य नहीं कर सकते हैं।

पकड़े जाने पर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। घरेलू एवं कृषि उपयोक्ता के लिए कोई शुल्क लागू नहीं है, लेकिन पंजीकरण कराना अनिवार्य है।

पंजीकरण कराने के उपरान्त कार्य करा सकते हैं। घरेलू एवं कृषि उपयोक्ता को छोड़कर अन्य उपयोक्ताओं को वार्षिक निकासी की मात्रा के अनुसार जल संरक्षण शुल्क जमा करना अनिवार्य है। साथ ही साथ ड्रिलिंग एजेन्सी को भी शुल्क की दर उस क्षेत्र की श्रेणी के अनुसार निर्धारित है।

किसी भी जानकारी के लिए मोबाइल नं0 7755868790, 9450551977 पर सम्पर्क किया जा सकता है। किसी भी व्यवसायिक, औद्योगिक, इन्फ्रास्ट्रक्चर के उल्लंघन की स्थिति में प्रथम बार 2 लाख से 5 लाख अर्थदण्ड अथवा 6 माह से 1 वर्ष का कारावास या दोनांे हो सकता है।

पुनरावृत्ति होने पर प्राधिकार पत्र निरस्त करते हुए दंड दोगुना हो जाएगा। भूजल प्रदूषण दोषी पाये जाने पर प्रथम बार 2 से 3 वर्ष की सजा एवं 5 से 10 लाख अर्थदण्ड। पुनरावृत्ति पर सजा 5 से 7 वर्ष तथा 10 से 20 लाख का जुर्माना का प्राविधान है।

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